नोबेल-व्याख्यान :: विस्वावा शिम्बोर्स्का अनुवाद : उदय शंकर किसी भी भाषण में पहला वाक्य हमेशा सबसे कठिन होता है, ऐसा लोग कहते हैं। ख़ैर, वह मेरे पीछे है, वैसे भी। लेकिन मुझे लगता है कि आने वाले वाक्य—तीसरे, छठवें, दसवें और इसी तरह, अंतिम पंक्ति तक—उतने ही कठिन होंगे, क्योंकि मुझे कविता के बारे में बात करनी है। मैंने इस विषय पर बहुत कम कहा … कवि और संसार को पढ़ना जारी रखें
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