कविताएँ :: अमित झा
Posts tagged विचार
अपने हिस्से का आकाश देखने के बाद लोग देखते हैं अपने हिस्से के तारे
कविताएँ :: जतिन
चीज़ें दुनिया में इतनी हैं कि चीज़ों के बारे में चीज़ें ही हैं
कविताएँ :: सोमेश शुक्ल
मैं और कोई शिशुजन्म नहीं लूँगी इस देश में
बेबी शॉ की कविताएँ :: बांग्ला से अनुवाद : अमृता बेरा
नदी के किनारे दो बार रोने का कोई फ़ायदा नहीं, पहली लहर उसे पैदा करती है, दूसरी लहर उसे मिटा देती है
ग़ज़ा से कुछ कविताएँ और पत्र :: अँग्रेज़ी से अनुवाद : जोशना बैनर्जी आडवानी
सपना है कि सपने नए हों और उनमें ख़ूब जगह हो
कविताएँ :: मनोज कुमार झा