चार्ल्स सिमिक की कविताएँ :: अँग्रेज़ी से अनुवाद : सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज
‘किसी किशोरवय बालक की तरह लोग हिंदी में प्रयोग करते हैं’
बातें :: डेज़ी रॉकवेल से जे सुशील
दुनिया किसी गर्भवती स्त्री का उभरा हुआ पेट है
कविताएँ :: अनुराग अनंत
जहाँ घर बनाने की चाह थी वे रास्ते के पड़ाव थे
कविताएँ :: दिनेश कुशवाह
जागो उस घर में जो नष्ट होने वाला हो
नज़्वान दर्विश की कविताएँ :: अँग्रेज़ी से अनुवाद : जितेंद्र कुमार त्रिपाठी
तुम्हारे जूतों में चमक रहा है मेरा आकाश
फ़रीबा शाद्लू की कविताएँ :: अँग्रेज़ी से अनुवाद : जितेंद्र कुमार त्रिपाठी