लंबी कविता :: प्रज्वल चतुर्वेदी
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जहाँ एक जीवन के लिए जीवन भर जंगलों में भटकते चरवाहों की प्रेम-कहानियाँ लोकगीतों में ढलकर अमर हो जाती थीं
कविताएँ :: अशोक कुमार
पृथिवी पर एक बच्चे की लाश
कविताएँ :: शिवदीप
पहाड़ से होने का मतलब
कविताएँ :: सुभाष तराण
मुझे लगभग मर चुकी उस भाषा को बचाना है
कविताएँ :: जसवंत सिंह
मौत कुत्ते की हो या कायर की—वह ढूँढ़ रहा है एक चमकदार वाक्य
कविताएँ :: सत्यम तिवारी