नसीर अहमद नासिर की नज़्में :: उर्दू से लिप्यंतरण : मुमताज़ इक़बाल
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धान की डेहरी में मनही की तरह सोता है मेरे भीतर देवरिया
कविताएँ :: विवेक कुमार शुक्ल
कोई एक कविता बचा लेगी मुझे
कविताएँ :: अजय नेगी
किसी नए की तरह
कविताएँ :: प्रेम वत्स
मैं चाहता हूँ हर चीज़ का विकल्प होना, मैं चाहता हूँ जल्दी ही निर्विकल्प होना
कविताएँ :: देवी प्रसाद मिश्र
रात एक अच्छी उर्वर ज़मीन है—कविताओं को बोने के लिए
होर्हे लुई बोर्हेस की कविताएँ :: अनुवाद और प्रस्तुति : अंचित