कविताएँ :: मनीषा जोषी
Posts tagged विचार
विश्वविद्यालयों में प्रोफ़ेसर अब मुश्किल से ही बचे थे
कविताएँ :: प्रीति चौधरी
मेरा मानना है कि मेरी माँ मोम की बनी है
कविताएँ :: शाम्भवी तिवारी
केवल देवी बनकर जीवित रहना संभव नहीं इस संसार में
कविताएँ :: बेबी शॉ
संताप का एक महीन रेशा कुलबुलाता है मेरी साँसों में
कविताएँ :: अदीबा ख़ानम
अब हमें बंद करना चाहिए स्त्री को पृथ्वी कहना
कविताएँ :: अजंता देव