फ़रोग़ फ़ारुख़ज़ाद की कविताएँ :: अनुवाद और प्रस्तुति : सरिता शर्मा
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मेरे लबों को तुम्हारे ख़ूँ की तलब लगी है
नज़्में :: कायनात
उड़ जाएगा वसंत भी
कविताएँ :: पारुल पुखराज
अभी न होगा मेरा अंत
कवितावार में सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कविता ::
प्यार? प्यार सुबह की धुंध सरीखा है
चार्ल्स बुकोवस्की की कविताएँ :: अनुवाद और प्रस्तुति : रंजना मिश्र
मैं चाहती हूँ, मेरे उरोज तुम्हें उत्तेजित कर दें
जॉयस मन्सूर की कविताएँ :: अनुवाद और प्रस्तुति : अखिलेश सिंह