बुलाट शाल्वोविच ओकुदझावा की कविताएँ ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : रीनू तलवाड़ और प्रचण्ड प्रवीर
नीला ग़ुब्बारा
नन्हीं बच्ची रो रही है : उसका ग़ुब्बारा छूट गया है
लोग उसे दिलासा देते हैं, पर ग़ुब्बारा उड़ता जाता है।
लड़की रो रही है : उसे दुल्हा नहीं मिल रहा है
लोग उसे दिलासा देते हैं, पर ग़ुब्बारा उड़ता जाता है।
औरत रो रही है : उसका पति उसे छोड़ गया
लोग उसे दिलासा देते हैं, पर ग़ुब्बारा उड़ता जाता है।
वृद्धा रो रही है : जीवन कितना छोटा था…
ग़ुब्बारा लौट आया, और उसका रंग नीला है।
पहला प्यार होता है
पहला प्यार होता है—दिल जलता है और डँसता है,
और दूसरा प्यार—पहले प्यार पर हावी हो जाता है,
पर तीसरा प्यार यहाँ—है काँपती चाभी
सूटकेस के ताले में, बग़ल में मेरी।
पहला युद्ध हुआ—किसी की ग़लती नहीं थी
और दूसरा युद्ध—किसी की ग़लती थी
मगर यह तीसरा युद्ध—केवल मैं हूँ ग़लत
और अगर है मेरी ग़लती—यह जानते हैं सभी।
पहला धोखा दिखा—भोर के कुहासे की तरह
और दूसरा—झूमता, नशे में धुत्त, अकेला
मगर तीसरा धोखा यहाँ—रात से भी अधिक काला
और बाहर चल रहे युद्ध से भी ज़्यादा डरावना।
काग़ज़ का सैनिक
हमारे बीच एक सैनिक रहा करता था
उससे ज़्यादा जाँबाज़ या बाँका कोई न था
मगर वह बच्चों का महज़ खिलौना था
क्योंकि वह काग़ज़ का बना था
वह सब कुछ बदल देना चाहता था
देश को महान बनाना चाहता था
डोरियों से लटका था
क्योंकि वह काग़ज़ का बना था
धुएँ और आग में मर भी सकता था
वह हमारे लिए और रहता अडिग
मगर आप हँस रहे थे उस पर
क्योंकि वह काग़ज़ का बना था
आपने अपने मसले के लिए उस पर भरोसा नहीं किया,
और वह आपकी कृपा से बाहर हो गया
पर क्यों, मैं पूछता हूँ—यह सब इसलिए क्योंकि
वह बंदा काग़ज़ का बना था
उसने चाहा
एक ऐसा जुनून जिसका स्वाद वह ले सके
और माँग की आपसे—अंगारे, मुझे अंगारे दो!
यह भूलते हुए कि वह काग़ज़ का बना था।
अंगारा? ठीक है, जाओ, रुकना मत
उसकी वहशत कम न होगी
और बिलावजह मारा गया, आख़िरकार
क्योंकि वह काग़ज़ का बना था।
बुलाट शाल्वोविच ओकुदझावा (1924–1997) प्रसिद्ध रूसी कवि, संगीतकार और लेखक हैं। उनकी यहाँ प्रस्तुत कविताएँ अँग्रेज़ी से हिंदी अनुवाद के लिए यहाँ से चुनी गई हैं : Bulat Shalvovich Okudzhava
रीनू तलवाड़ और प्रचण्ड प्रवीर से परिचय के लिए यहाँ देखें : जब मैं विचारता हूँ किस तरह मेरा आलोक व्यय हुआ