एमिली ब्रॉण्टे के कुछ उद्धरण :: अनुवाद : सरिता शर्मा
Posts tagged स्त्री विमर्श
बातचीत के बीच अक्सर चुप्पियां आकर बैठ जाती हैं
क्लाउडिया रैंकिन की कविताएं :: अनुवाद और प्रस्तुति : यादवेंद्र
मरणासन्न व्यक्तियों की चाहतें कम होती हैं, प्रिय
कवितावार में एमिली डिकिन्सन की कविता :: अनुवाद : चंद्रबली सिंह
हर पाप खालीपन से भागने का प्रयास है
सिमोन वेल के कुछ उद्धरण :: अनुवाद : सरिता शर्मा
लौटने की कोई जगह नहीं
कविताएं :: प्रीति सिंह परिहार
सोचना खुद में ही खतरनाक है
हाना आरेन्ट के कुछ उद्धरण :: अनुवाद : सरिता शर्मा