क्रम :: शरद 2017 या त्रा एं
सौंदर्य सब कुछ नहीं सिखला सकता
मुक्तिबोध का वीरेंद्र कुमार जैन के नाम पत्र :: प्रस्तुति : योगेंद्र आहूजा
अनसोये प्रेम की रात
फेदेरीको गार्सिया लोर्का की एक कविता :: अनुवाद और प्रस्तुति : आग्नेय
सातवां
अत्तिला योझेफ की एक कविता :: अनुवाद : विष्णु खरे
एक और दिन जी लिया मैंने बगैर मुंह लटकाए उदास हुए
लोरना गुडिसन की कविताएं :: अनुवाद और प्रस्तुति : यादवेंद्र
‘एक रचनाकार कभी क्रांतिकारियों जैसा नहीं हो सकता’
बातें :: अदूनिस से माया जग्गी अनुवाद : आग्नेय