चाबुक :: शशिभूषण द्विवेदी
अगर तुम कभी मेरी आत्मा का सौदा करने लगो
गब्रिएला मिस्त्राल की कविताएं :: अनुवाद : प्रचण्ड प्रवीर
इसका कहना है ‘रातों को ना रोया जाए’
बावा बलवंत की कविताएं :: अनुवाद और प्रस्तुति : मोनिका कुमार
अकादमी में आदमी
गद्य :: स्कंद शुक्ल
कुछ शीर्षकहीनताएं
तस्वीरें :: महेश वर्मा
पुढील स्थानक बम्बई, दिल्ली नाही
मुंबई से लौटकर :: विकास त्रिवेदी