कविताएँ :: पंकज मिश्र
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कविताएँ :: राजेश कमल
सभी पक्षियों के बीच और हर सुबह से बाहर
कविताएँ :: हर्ष
देश ने हमें कोई मातृभाषा नहीं दी अभी तक
शंख घोष की कविताएँ :: बांग्ला से अनुवाद : बेबी शॉ
बहुत दिनों तक चिड़िया की आवाज़ न सुनने से इंसान का एक हिस्सा ख़राब हो जाता है
सुबोध सरकार की कविताएँ :: बांग्ला से अनुवाद : अमृता बेरा
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