ग़ज़ल :: कुर्रतुल-ऐन-ताहिरा अनुवाद और प्रस्तुति : सदफ़ नाज़
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आजादी, जिसे मैंने कभी देखा ही नहीं
एक किताब, एक कवि और चार कविताएं :: अनुवाद और प्रस्तुति : अशोक पांडे
कविता विस्तार है और वह घाव छोड़ जाती है
आलेहांद्रा पिज़ारनीक की कविताएं :: अनुवाद : रीनू तलवाड़
मैं कभी मृत्यु पर नहीं हंसता हूं
हावियर हिरॉद की कविताएं :: अनुवाद : आग्नेय
एक कवि से बातचीत
कवितावार में मिरोस्लाव होलुब की कविता :: अनुवाद : प्रयाग शुक्ल
मैं एक पत्ती को देखती हूँ और उससे अपनी आस जोड़ लेती हूँ
आन येदरलुंड की कविताएँ :: अनुवाद और प्रस्तुति : गार्गी मिश्र