निज़ार क़ब्बानी की कविताएँ :: अनुवाद : पूजा प्रियंवदा
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बातचीत के बीच अक्सर चुप्पियां आकर बैठ जाती हैं
क्लाउडिया रैंकिन की कविताएं :: अनुवाद और प्रस्तुति : यादवेंद्र
तुम… मेरा एकमात्र मज़हब
अल-सद्दीक अल-रद्दी की कविताएं :: अनुवाद और प्रस्तुति : विपिन चौधरी
दुर्लभ वाद्य-विनोद
कवितावार में यान्निस रित्सोस की कविता :: अनुवाद : विष्णु खरे
मरणासन्न व्यक्तियों की चाहतें कम होती हैं, प्रिय
कवितावार में एमिली डिकिन्सन की कविता :: अनुवाद : चंद्रबली सिंह
एक कबूतर-सा था मैं मरने के दौरान
जमाल सुरैया की कविताएं :: तुर्की से अनुवाद : निशांत कौशिक