फेदेरीको गार्सिया लोर्का की एक कविता ::
अनुवाद और प्रस्तुति : आग्नेय
अंग्रेजी भाषा के कविता-प्रेमियों के लिए नवंबर का यह महीना, एक रोमांचकारी अवसर रहा. इस महीने फेदेरीको गार्सिया लोर्का की कृतियों का एक प्रमुख और नया अनुवाद ‘पोएट इन स्पेन’ प्रकाशित हुआ है. यह अनुवाद सारा अर्वियो द्वारा किया गया है. यह 25 बरस बाद है कि लोर्का की कविताओं का पुस्तकाकार द्विभाषी अनुवाद प्रकाशित हुआ है.
सारा आर्वियो ने अनुवाद के लिए लोर्का की उन कविताओं को चुना है जिनमें अंदलूशिया – जहां साल 1898 में लोर्का का जन्म हुआ – के भू-दृश्य यानी नीबू और चिनार के वृक्षों, निचली और ऊंची पर्वत-श्रृंखलाओं और खानाबदोश छोकरियों और घुमक्कड़ सूरमाओं की प्रचुरता है. इस पुस्तक में लोर्का का एक नाटक ‘ब्लड वेडिंग’ और उनके विस्मयकारी ‘डार्क लव सॉनेट्स’ भी शामिल हैं. यहां इस पुस्तक से लोर्का की एक ऐसी कविता का अनुवाद प्रस्तुत है जो उन्होंने अपने एक पुरुष-प्रेमी के लिए लिखी थी और उनके जीवन-काल में कभी प्रकाशित नहीं हो सकी थी. यह कविता उस सीरीज से है जिसे वह 1936 में हुई अपनी त्रासद मृत्यु से पहले लिख रहे थे. फासिस्ट ताकतों द्वारा लोर्का की निर्मम हत्या ने सारे संसार को स्तब्ध कर दिया था…
अनसोये प्रेम की रात
हम दोनों के लिए यह रात, उन्माद की रात थी
पूर्णिमा का पूरा चंद्रमा था
मैंने रोना शुरू कर दिया
तुम हंस रहे थे
तुम्हारा तिरस्कार एक ईश्वर था
और मेरा विलाप कुछ पल थे, जंजीरों से बंधे कपोत थे
हम दोनों के लिए ढलती रात थी
संताप स्फटिक था
गहन दूरियों के लिए तुम सिसक रहे थे
और मेरी वेदना मरण का ढेर थी
तुम्हारे रेत-से निर्बल हृदय पर
भोर हम दोनों को शैय्या पर गुम्फित किए हुए था
अंतहीन छलकते रक्त के हिमानी प्रवाह से
हमारे मुंह दबे हुए थे
बंद बालकनी की सुराखों से सूर्य झलकता
और जीवन का प्रवाल
मेरे कफन आच्छादित हृदय पर
अपनी शाखा पसार रहा था
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आग्नेय हिंदी के समादृत कवि-अनुवादक और ‘सदानीरा’ के प्रधान संपादक हैं.