अन्थोनी मेड्रिड की कविताएँ ::
अनुवाद : सौरभ राय
शब्दों के साथ वैसा ही जैसा मनुष्यों के साथ
शब्दों के साथ वैसा ही जैसा मनुष्यों के साथ, दरअसल सुंदरता दुर्लभ है
हम चीज़ों को सुंदर कहते हैं, यूँ ही नहीं, उनके अर्थों के कारण।
क्योंकि हम अक्सर सुंदरता को जोड़ते हैं उनके साथ जो हमारा पक्ष लेते हैं,
सिमट जाते हैं हम पहेलीनुमा मायूसी में जब असली सुंदरता हमें नकार देती है।
सचमुच, हमारा किसी को सुंदर बुलाना लगभग उसका सुंदर नहीं होना है।
कि कोई कैसे सुंदर हो सकता है अगर उसने हमें धोखा नहीं दिया?
किसी साधु ने कहा था, “इन दार्शनिकों की मुसीबत यही है
कि किसी विचार पर फ़ख़र वे सिर्फ़ उसे सच बतलाकर कर सकते हैं।”
शब्दों के साथ वैसा ही जैसा मनुष्यों के साथ, दरअसल सुंदरता दुर्लभ है
अपमानित, अब हम चाहते ही नहीं सुंदर को सुंदर बोलना।
मेड्रिड सुना रहा है कविता खोदकर निकाले गए सांस्कृतिक अवशेषों को,
कर रहा है उनके सफ़ेद बाल की तुलना हारने वालों के झंडे के साथ।
नरक में इकाई हैं गैलन और फ़क
शराब की इकाई प्याला है। चुंबन इकाई है प्रेम की। हमारी दुनिया में।
नरक में, इकाई हैं गैलन और फ़क। स्वर्ग में, टपकाना और झलक पाना।
चीटियाँ मेरी नायक हैं। बहस करती हैं और आज्ञापालन। टेबल पर बैठी रह सकती हैं
आठ घंटा, नक़्शे खींचती हुईं। ढूँढ़ लेती हैं वे जिन पर सिद्धांत कम बने हैं…
लो थोड़ा, ये इतनी तादाद में हैं जितने आयोवा की रात के आसमान में अभ्रक के धब्बे।
क्या हैं बीस किनारों वाले अलबेले बादाम के पकवान? किस काम के जवाहरात?
वह कालिदास है। तुम कुछ नहीं हो। बल्कि, तुम स्टेनलेस स्टील के शंकुओं वाली तश्तरी हो।
इस बीच, कोई खोलता है कुमारसंभव क्रिस्टल्स के सामने जो हर-तरफ़ इंद्रधनुषी इशारे करती है।
अच्छी कोशिश, तुम एक टैंक निर्माता हो जो टैंक नहीं बनाना चाहता। और इसलिए तुम्हारी निगरानी करेंगे
तीन परेशान करती चिड़ियाँ, जिनके नाम नुक़सानदेह हैं, बच्चों को तोड़ने वाले।
देखो! तुम्हें घूरेंगी तीन चिड़ियाँ, जो फ्लोरिडा में हर जगह हैं। ये हैं भी
तीन सच्चे नामुनासिब : ब्लू टिट, वुडपेकर, और स्वाम्पकंट।
बात करने वाला मैं हूँ। इतना मुचड़ा हुआ, मेरी अकेली उम्मीद सेलेना है। मेरी फिजिकल थेरेपिस्ट,
एथेना की आँखों वाली, और जिसके पास हैं विध्वंसक चील के हाथ।
सूक्तियाँ-1
आमपाल्या1करेला। चाहे जितना कड़वा हो,
चाहने वालों को मीठा लगता है।
सबसे मुश्किल है जगाना
नींद का नाटक करते प्रेमी को।
पानी में दाबकर रखा बास्केटबॉल
जबरन ऊपर आना चाहता है।
तुरत तितर-बितर हो जाता है
जो कभी संगठित नहीं था।
पानी शुरू में ठंडा होता है, क्योंकि
पाइप वक़्त लगाती है गरम होने में।
बच्चे घरों से भाग जाते हैं, और
बैठे मिलते हैं कभी न ख़त्म होने वाली कक्षाओं में।
तुम घड़ी से बैटरी निकालते हो,
तुम उसे झूठा बना देते हो।
तुम निकालते हो पीने वाली स्ट्रॉ का रेशा
और भोंक लेते हो खोपड़ी की खाल में।
पानी में दाबकर रखा बास्केटबॉल
जबरन ऊपर आना चाहता है।
सूत्रों को पढ़ने वाला आदमी नहीं है
सूत्रों को सबसे अधिक समझने वाला।
मेरा जीवन उतना ही अचल है
जितनी चाँद की सतह।
और दोनों की वजहें एक हैं :
मेरे पास वायुमंडल नहीं है।
कुल्हाड़ी पहले से अटकी है
पेड़ों की जड़ में,
और हर वह पेड़ जो अच्छे फल नहीं देता
काटकर झोंक दिया जाता है आग में।
तुम गुलाब को गले से पकड़ते हो
तुम्हारे हाथ में उतना ख़ून निकलता है
जितना बेधड़क तुमने पकड़ा था
जितनी बेहयाई से।
जो महान या पूज्य होना चाहता है
उसमें शांति की कोई इच्छा नहीं।
क्योंकि शांति एक धागा है लिपटा हुआ ऐसी चीज़ से
जो दूसरे किसी काम नहीं आती।
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यहाँ प्रस्तुत कविताएँ हिंदी अनुवाद के लिए poetryfoundation.org से चुनी गई हैं। सौरभ राय हिंदी की नई नस्ल से वाबस्ता कवि-अनुवादक हैं। वह बेंगलुरु में रहते हैं। उनसे sourav894@gmail.com पर बात की जा सकती है। अन्थोनी मेड्रिड के परिचय और गद्य के लिए यहाँ देखें : कहानी से एक कवि की शिकायतें