हुआन रामोन हिमेनेज़ की कविताएँ ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : आदर्श भूषण

हुआन रामोन हिमेनेज़ │ तस्वीर सौजन्य : la cola de rata

मैं मैं नहीं हूँ

मैं मैं नहीं हूँ

मैं वह हूँ
जो मेरे बग़ल में चल रहा होता है
और मैं देखता तक नहीं उसे
जिससे मैं कभी मिलने चला जाता हूँ
और कभी बिल्कुल ही भूल जाता हूँ जिसे
जो एकदम शांत और स्थिर होता है
जब मैं बात कर रहा होता हूँ
और क्षमा कर देता है, सौम्यता से,
जब मैं द्वेष से भरा होता हूँ

जो वहाँ भी चला जाता है जहाँ मैं नहीं हूँ
जो तब भी बचा रहेगा जब मैं मर जाऊँगा।

नामों के बीच से चुना गया नाम

ईश्वर, तुम्हारी जगह,
यदि मैंने तुम्हारे लिए एक दुनिया बनाई होती
तो तुम्हें वहाँ विश्वास के साथ आना होता
और आना होता मेरी दी हुई सुरक्षा के साथ
क्योंकि मेरी पूरी दुनिया और कुछ नहीं
सिर्फ़ मेरी आशा होती

मैं अपनी आशाओं को बचाकर रखता आया हूँ
भाषा में, एक पुकारे गए नाम में, एक लिखे गए नाम में;
इतना कि मैंने हर चीज़ को नाम दे दिया
और तुमने इन सारे नामों की जगह ले ली

अब मैं अपनी गति को ज़ब्त कर सकता हूँ
मेरे लगातार जीते चले आने के कोयले के भीतर,
रह सकता हूँ, जैसे लपटें ख़ुद को समेट लेती हैं
लाल हुए कोयले के भीतर
हवा से घिरी जो कि पूरी नीली आग है;
अब मैं ख़ुद ही एक समंदर हूँ जो कहीं रुक गया है
एक समंदर जिसकी बातें मैं किया करता था,
लेकिन बहुत विशाल नहीं
भान की चमक से भरी लहरों से बस ठोस हुआ पड़ा
जो सिर्फ़ ऊपर, और ऊपर उठती जाती हैं

वे सारे नाम
जो उस ब्रह्मांड को दिए हैं मैंने
जो पुनः मैंने तुम्हारे लिए बनाया है
सब के सब
अब एक नाम में,
एक ईश्वर में समा रहे हैं

ईश्वर, जो अंत में बचेगा,
वह सदैव सृजित होगा
पुनर्सृजित और पुनर्सृजित होगा
दया के द्वारा
बल के द्वारा कदापि नहीं

ईश्वर, जो नामों के बीच से चुना गया एक नाम है।

बाहर

आह, यह निर्वात हवा
ठंड की बजती हुई घंटी
निहार-पाले में जमी हुई आँखें

वहाँ, दरवाज़ों के भीतर ही, पहले,
मकान एक शरीर था
और शरीर एक आत्मा

आह, यह सफ़ेद धरती
यह शांति, यह तुषार
जिससे भट्ठियाँ जल उठी हैं

अब, इस चलते हुए रास्ते पर
आत्मा एक शरीर है
और मकान एक आत्मा।

दिन-ब-दिन

ओ समय, तुम मुझे अपना रहस्य बताओ,
तुम जो रोज़ ख़ुद को और नया करते जाते हो
जितना अधिक पुराने होते जाते हो

दिन-ब-दिन तुम्हारा अतीत कम होता जाता है
और भविष्य बढ़ता चला जाता है
—और तुम्हारा वर्तमान
हमेशा एक ही रहता है
जैसे अभी-अभी उगे बादाम के फूल

बिना पैरों वाले समय,
मुझे वह रहस्य बताओ जिससे रोज़ तुम्हारी आत्मा
तुम्हारे शरीर पर धावा बोल देती है।

छोटी घड़ियाँ

नयी ठंड : एक कौआ काँव-काँव करता है
बिजली की कड़क और चाँद : एक बच्चा रोता है
सुनसान सड़क : एक कुत्ता चक्कर काटता है
अभी भी रात ही है : एक आदमी सोचता है।

मैदान में खड़ी एक स्ट्रीट कार

बच्चा घूरता है, एकटक, अस्त होते हुए सूरज को
मैं, एकटक, बच्चे को;
एक औरत मुझे; एकटक
बिल्कुल शांत

कुछ नहीं—न प्रेम, न दुःख—हम कुछ नहीं समझते

—और सूरज मर जाता है
हमारी तिहरी बेख़बरी
परछाइयों में बची रह जाती है, बिल्कुल शांत।

हुआन रामोन हिमेनेज़ की यहाँ प्रस्तुत कविताएँ poetryfoundation.org से ली गई हैं। आदर्श भूषण से परिचय के लिए यहाँ देखें : याद की याद की याद बनकर

1 Comment

  1. yogesh dhyani मई 5, 2021 at 5:06 अपराह्न

    bahut sundar kavitayen aur anuvad aadarsh ji

    Reply

प्रतिक्रिया दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *