मुरीद बरघूती की कविताएँ ::
अँग्रेजी से अनुवाद : आदर्श भूषण

मुरीद बरघूती | तस्वीर सौजन्य : bbc

तकिया

तकिए ने कहा :
एक लंबे दिन के आख़िर में
सिर्फ़ मैं जानता हूँ
एक आत्मविश्वासी आदमी की जद्दोजहद
एक संन्यासिनी की कामना
एक तानाशाह की आँखों की धीमी कँपकँपी
एक उपदेशक की बेहूदगी
एक आत्मा की उष्ण शरीर पाने की तड़प
जहाँ उड़ती हुई चिंगारियाँ
धधकते कोयले में बदल जाएँ

सिर्फ़ मैं जानता हूँ
छोटी तुच्छ चीज़ों की शोभा
सिर्फ़ मुझे मालूम है एक पराजित व्यक्ति की गरिमा
एक विजेता का अकेलापन
और एक सुस्त ठंडक जो किसी को पता चलती है
उसकी कोई इच्छा पूरी कर दी जाने के बाद

अपवाद

वे सब आते हैं :
नदी और बरसात
आवाज़ और जहाज़
रौशनी और चिट्ठियाँ
सांत्वना से भरे टेलीग्राम
रात्रिभोज के निमंत्रण
कूटनीतिक झोले
उड़नतश्तरी

वे सब आते हैं
सब
लेकिन मैं चलता पड़ता हूँ
अपने देश की ओर

तुम और मैं

तुम ख़ूबसूरत हो एक आज़ाद वतन के मानिंद
मैं थका हुआ कमज़ोर किसी उपनिवेश की तरह
तुम उदास हो एक त्यक्त इंसान की तरह, लड़ते हुए
मैं एक निकट आते युद्द की तरह संभ्रांत हूँ
तुम किसी छापे के हासिल की तरह वांछित हो
मैं भयाक्रांत हूँ जैसे मलबों के ढेर में कुछ खोज रहा हूँ
तुम एक प्रशिक्षु पायलट की तरह निडर हो
मैं ठीक उतना ही गौरवान्वित हूँ जितना उसकी दादी हों
तुम किसी मरीज़ के पिता की तरह चिंतित हो
मैं किसी नर्स की तरह बिल्कुल शांत हूँ
तुम उतनी ही मीठी हो जितनी ओस होती है
और मुझे उगने के लिए तुम्हारी ज़रूरत है…

हम दोनों किसी प्रतिशोध की तरह उद्दंड है
हम दोनों किसी क्षमा की तरह विनम्र हैं
तुम किसी न्यायालय की नींव की तरह मज़बूत हो
मैं बेसुध पड़ा हूँ जैसे किसी पक्षपात का शिकार हूँ
और हम जब भी मिलते हैं
हम बातें करते हैं, बिना रुके
जैसे दो परतें दुनिया को बचाए हुए हों

विवेचना

एक कवि कॉफ़ी-शॉप में बैठा है, कुछ लिखता हुआ
एक वृद्ध महिला सोचती है कि
शायद वह अपनी माँ को चिट्ठी लिख रहा है
एक युवती सोचती है कि
शायद वह अपनी प्रेमिका को चिट्ठी लिख रहा है
एक बच्चा सोचता है कि
शायद वह चित्रकारी कर रहा है
एक व्यापारी सोचता है कि
शायद वह किसी सौदे पर विचार कर रहा है
एक पर्यटक सोचता है कि
शायद वह कोई पोस्टकार्ड लिख रहा है
एक कर्मचारी सोचता है कि
शायद वह अपने क़र्ज़ की रक़म का हिसाब कर रहा है
एक ख़ुफ़िया पुलिसवाला
धीरे-धीरे उसकी ओर बढ़ता है।


मुरीद बरघूती (1944-2021) फ़िलिस्तीनी कवि-लेखक हैं। फिर भी सही तौर पर उन्हें निर्वासन का कवि कहा जाना ठीक होगा। वह जीवन भर काइरो, वेस्ट बैंक, इजिप्ट, लेबनान, जॉर्डन आदि जगहों के बीच भटकते रहे। यहाँ प्रस्तुत कविताएँ अँग्रेज़ी से हिंदी अनुवाद के लिए poetryinternational.org / dinaalmahdy.com / poemhunter.com से चुनी गई हैं। आदर्श भूषण से परिचय के लिए यहाँ देखें : सोई हुई दुनिया के लिए सोया हुआ ईश्वर है

1 Comments

  1. योगेश ध्यानी अक्टूबर 14, 2021 at 9:54 पूर्वाह्न

    सशक्त कविताएं और अनुवाद

    Reply

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