सालिह बोलात की कविताएँ ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : आदर्श भूषण

सालिह बोलात

हम आएँगे

हम उन गीतों में आएँगे
जो जंगल गाता है
जलते हुए

हमारी आवाज़ छितराएगी
एक उड़ती हुई दराँती से
गुज़रती हुई हवा पर

हमारे दिल अपनी जगहें बदल लेंगे
चिड़ियों के फरेरे बनते हुए
पोस्ते के पत्तों के साथ

बारिश के पैरों से
बकरियों के पैदा होते ही
हम दौड़ेंगे
गंदले मैदानों पर

हम उन गीतों में आएँगे
जो पहाड़ गाता है
जागते हुए।

क्रिस्टल

तुमने मुझे अपनी रोशनी से तराशा
जैसे सूरज
ग्रीष्म ऋतु को दहकाता है।

मैं तुम्हारी चीख़ में चिल्लाता हूँ।

उड़ते पक्षी मुझे अक्सर आश्चर्य से भर देते हैं
क्या उन्हें अपने पंखों पर विस्मय नहीं होता
जैसे एक आवरणहीन दीपक डूबता है
और रात की कलई चमचमाने लगती है।

मैं तुम्हारी तड़ित रेखाओं को चूमता हूँ।

एक आसमान तुम्हें अपनी ओर खींचता है
किसी प्रेमिल ईश्वर की गहराइयों में
पिघलते हुए बर्फ़ के बावजूद
हमारे लिए शीत की तरह सुसज्ज।

मैं तुम्हारे अंधकार में प्रवेश करता हूँ।

यह संदेह

ठंडे जल में एक टट्टू अपना सिर डुबोता है
अहाते में बारिश के बीच रोशनी फिसलती है
यह संभवतः वही है जो मुझे चमक से अलगाता है
यह प्रतिबिम्ब
यह संदेह

आईने में एक दरार
तुम्हारी भौचक आँखें
सेंधा नमक जो लद्दू जानवर चाटते हैं
यही है जो मेरे पास बच गया है।


सालिह बोलात (जन्म : 1956) तुर्की के सुपरिचित कवि हैं। उनकी यहाँ प्रस्तुत कविताएँ अँग्रेज़ी से हिंदी अनुवाद के लिए poetryinternational.org से चुनी गई हैं। आदर्श भूषण से परिचय के लिए यहाँ देखें : मुझे उगने के लिए तुम्हारी ज़रूरत है

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