म्याओ-यी तू की कविताएँ ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : देवेश पथ सारिया

म्याओ-यी तू

एक राह

याद एक अथाह गहराई का समुंदर है
एक सेकंड की याद में फूल को नशा हो जाता है
एक मिनट की याद में शांत हो जाता है फूल
एक पल की याद में फूल मुरझा जाता है
एक दिन की याद में आग लग जाती है फूल में
एक रात की याद में राख हो जाता है फूल

जब प्यार करने वाले दो लोग जुदा होते हैं
एक मील की दूरी सुंदर प्रतीत होती है
सौ मील की दूरी पर आता है अकेलापन
हज़ार मील की दूरी पर दिल टुकड़े-टुकड़े हो जाता है
दस हज़ार मील की दूरी बन जाती है
एक अप्रत्याशित कविता

जिस रास्ते को तुम छोड़ गए
वहाँ मेरी कविता क़दम मिलाती है
तुम्हारे क़दमों के निशानों से।

शुह-मिंग ल्याओ के अँग्रेज़ी अनुवाद पर आधृत

दूरी

जितना तुम्हारा चेहरा धुँधलाता जाता है
उतनी ही अस्पष्ट होती जाती है तुम्हारी आवाज़
तुम्हें अपनी याद में बनाए रखने के लिए
मैं तुम्हारे बारे में लिखती रहती हूँ लगातार
ताकि तुम्हारी स्मृति को मैं यथार्थ में बदल दूँ

क्या हम फिर से किसी गली में मिल सकते हैं
एक-दूसरे को छूकर गुज़र जाने को
जाने कितने राहगीर मेरे वजूद से रूबरू होते हैं
केवल तुम्हारा चेहरा नहीं दिखता

मैंने तुम्हारी रंगीन तस्वीरों को
श्वेत-श्याम में बदल दिया है
पर तुम्हारी याद को किसने
श्वेत-श्याम रँग दिया है

व्यस्तता के दौरान भेजे हुए
तुम्हारे शब्दरहित संदेश
हमारे नीरस रिश्ते की याद दिलाते हैं
मैं तुम्हारे बारे में लिखती रहती हूँ लगातार
ताकि शब्द—हज़ार और दस हज़ार
ले लें उस तक़दीर का रूप
जिसने हमें अलग किया है
मेरे हाथ से लिखे हुए असंख्य ये शब्द
हमारे बीच की दूरी को भर नहीं पाते।

शुह-मिंग ल्याओ के अँग्रेज़ी अनुवाद पर आधृत

बहकर आई लकड़ी

टीले के किनारे पर वह पुराना पेड़
दृढ़ता से थामे रहता मिट्टी को
वह डरता नहीं था बाढ़ से
जो तहस-नहस कर देने वाली थी
उसके अस्तित्व को
बल्कि वह सिर उठाकर
सूरज की तलाश करता

उस सुंदर द्वीप के निवासी
अपने कानों पर हाथ रखे रहते
और नहीं सीखते आत्म-नियंत्रण
उनके मन समृद्धि और सुंदरता में मग्न

पेड़ जो लगातार कमज़ोर होता जा रहा था
आख़िरकार बाढ़ द्वारा नदी में धकेल दिया गया
वह बन गया एक बहती हुई लकड़ी
अब भी अपनी धरती के गीत गाता हुआ

शानदार द्वीप जो लगातार भ्रष्ट होता जा रहा था
ज्वारभाटों द्वारा नष्ट कर दिया गया
आत्म-अभिव्यक्ति में असमर्थ वह
रह गया एक अस्थिहीन देह

लकड़ी का वह बहता हुआ टुकड़ा
किसी ने उठा लिया
और अब वह पूजा जाता है
किसी देवात्मा के अंश की तरह।

शू-यू ल्यू के अँग्रेज़ी अनुवाद पर आधृत

दिल में घुपी तलवार

कृपया मेरे दिल से यह तलवार निकाल दो
यह बहुत गहरी घुपी हुई है
इतनी कि बाहर किसी को दिखाई नहीं देता ख़ून
वहाँ किसी झील की सतह जैसी शांति है

और वह लड़की जिसकी परछाईं दिखाई देती है
झील के पास प्रार्थना करती हुई
कौन उसके बोझिल अतीत पर रहम करेगा

जून के किसी दिन
कहीं से आई थी तलवार

आँसू ताँबे और लोहे की दीवार पिघला सकते हैं
लेकिन इस छोटी मूठ की तलवार को नहीं मिटा सकते

तलवार की धार मेरी वेदना से कुछ कुंद हुई है

मैं पूछना चाहती हूँ तुमसे
क्या तलवार थामा तुम्हारा हाथ
एक बार भी काँपा था,
ज़रा-सा ही सही?

जेन डीजी के अँग्रेज़ी अनुवाद पर आधृत


म्याओ-यी तू ताइवान के ताइनान शहर के एक गाँव में 1961 में जन्मीं। वह कविताएँ, कहानियाँ और उपन्यास लिखती हैं। लेखन से इतर वह चित्रकारी भी करती हैं। 2018 में उन्हें बांग्लादेश का ‘कथक साहित्य सम्मान’ प्राप्त हुआ। प्रस्तुत कविताएँ उनकी पुस्तक The Epiphany of Feet से ली गई हैं।  देवेश पथ सारिया हिंदी कवि-लेखक और अनुवादक हैं। उनसे और परिचय के लिए यहाँ देखें : देवेश पथ सारिया

1 Comments

  1. प्रीति जायसवाल अप्रैल 6, 2024 at 6:05 पूर्वाह्न

    कितने सादे शब्द !
    नामामूली असर ।

    अनुवाद कितना तो सरस।

    Reply

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