गजानन माधव मुक्तिबोध के कुछ उद्धरण ::
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वीरता… बर्बरों की भाषा है
धूमिल के कुछ उद्धरण ::
भूलना पुनर्जन्म की तरह है
हुआन रामोन हिमेनेज़ के कुछ उद्धरण :: अनुवाद : अपूर्वानंद
समय के समग्र शिल्प में
दूधनाथ सिंह के कुछ उद्धरण ::
आतंक ने मुझे क्रूर बना दिया
एमिली ब्रॉण्टे के कुछ उद्धरण :: अनुवाद : सरिता शर्मा
रोहिणी को केवल चंद्रमा ही चाहिए
सुरेंद्र वर्मा के कुछ उद्धरण :: प्रस्तुति : अविनाश मिश्र