मार्गरेट एटवुड के उपन्यास ‘द हैंडमेड्स टेल’ का एक अंश :: अनुवाद और प्रस्तुति : यादवेंद्र
Posts tagged विचार
निभृत प्राणों के देवता
‘गीतांजलि’ पर :: शंख घोष बांग्ला से अनुवाद : उत्पल बैनर्जी
मैं ‘यूनिवर्सिटी कल्चर’ का हिस्सा क्यों नहीं बनना चाहता
नस्र :: तसनीफ़ हैदर
49 वर्षों बाद… कवि हावियर हिरॉद का आखिरी शब्द!
पाठ :: अर्मान्दो ओरोजको तोवार अनुवाद : पल्लवी प्रसाद
ताकि आप सत्य को जान सकें
चिट्ठियां :: स्तानिस्लावस्की के नाम वाख्तानगोव अनुवाद : पी. एस. मलतियार प्रस्तुति : महेश वर्मा
‘साहित्य पूरी तरह आत्मकथाओं से भरा पड़ा है’
बातें :: रॉबर्तो बोलान्यो से कार्मेन बोयोषा अनुवाद : संध्या कुलकर्णी