कविताएँ :: पार्वती तिर्की
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विश्वविद्यालयों में प्रोफ़ेसर अब मुश्किल से ही बचे थे
कविताएँ :: प्रीति चौधरी
संताप का एक महीन रेशा कुलबुलाता है मेरी साँसों में
कविताएँ :: अदीबा ख़ानम
आँसुओं से समुद्रों की परिधि बढ़ रही है
कविताएँ :: आनंद बलराम
जियो लेकर प्यार का आधार
कविताएँ :: सुघोष मिश्र
किसी के जीवित रहने की याद भी ज़्यादा दिनों तक जीवित नहीं रहती
कविताएँ :: अमर दलपुरा