बातें :: कुमार बोस से व्योमेश शुक्ल
Posts tagged साक्षात्कार
‘समय का चक्र जैसे नदी का भँवर हो गया है’
बातें :: चंदन पांडेय से अविनाश मिश्र
‘मेरी अपेक्षाएँ ख़ुद से बहुत ज़्यादा हैं’
बातें :: व्योमेश शुक्ल से अविनाश मिश्र
‘हर सहूलत अपनी ज़ात से नई पेचीदगियों को जन्म देती है’
‘हर सहूलत अपनी ज़ात से नई पेचीदगियों को जन्म देती है’
‘सारी महफ़िलें जा चुकी हैं’
बातें :: नीलाभ से अविनाश मिश्र
‘बहुत कहने के लिए बहुत शब्द ज़रूरी नहीं’
बातें :: विष्णु नागर से अविनाश मिश्र