अज्ञेय के कुछ उद्धरण ::
Posts tagged डायरी
मेरा शऊर मेरा जहन्नुम है
नज़्में :: विनीत राजा
एक ही ख़ामोश राग में
शमशेर बहादुर सिंह के कुछ उद्धरण ::
ख़ाली जगह में बचना
गद्य :: मानव कौल
मैं मुझे ही देख रहा हूँ
गद्य :: सुमेर
संस्कृति के संकट
डायरी :: रुस्तम