रफ नोट्स : पटना पुस्तक मेला-2017 :: अंचित
मैं पानी और आग नहीं बनना चाहती
पोलिना बर्स्कोवा की दो कविताएं :: अनुवाद और प्रस्तुति : विपिन चौधरी
‘हम सूचियां क्यों बनाते हैं?’
बातें :: उम्बेर्तो ईको अनुवाद और प्रस्तुति : आग्नेय
मॉडर्न वेदव्यास की अकथ कहानी
चाबुक :: शशिभूषण द्विवेदी
अगर तुम कभी मेरी आत्मा का सौदा करने लगो
गब्रिएला मिस्त्राल की कविताएं :: अनुवाद : प्रचण्ड प्रवीर
इसका कहना है ‘रातों को ना रोया जाए’
बावा बलवंत की कविताएं :: अनुवाद और प्रस्तुति : मोनिका कुमार