कविताएं :: उपांशु
लोकतंत्र में आख्यान की रणनीति
‘न्यूटन’ पर :: स्मृति सुमन
आजादी, जिसे मैंने कभी देखा ही नहीं
एक किताब, एक कवि और चार कविताएं :: अनुवाद और प्रस्तुति : अशोक पांडे
कविता विस्तार है और वह घाव छोड़ जाती है
आलेहांद्रा पिज़ारनीक की कविताएं :: अनुवाद : रीनू तलवाड़
निहारे जाने का मतलब है उपभोग किया जाना
मार्गरेट एटवुड के उपन्यास ‘द हैंडमेड्स टेल’ का एक अंश :: अनुवाद और प्रस्तुति : यादवेंद्र
मेरी निर्भरता
कवितावार में रवींद्रनाथ टैगोर की कविता :: अनुवाद : सरिता शर्मा