अन्हेल गुइंदा की कविता ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : बेबी शॉ

अन्हेल गुइंदा │ तस्वीर सौजन्य : eldiario.es

मैं लिखूँगा

अगर वे मेरे शब्द छीन लें,
मैं ख़ामोशी से लिखूँगा।

अगर वे मेरी रौशनी छीन लें,
मैं अँधेरे की सघनता के साथ लिखूँगा।

अगर मैं अपनी याददाश्त खो दूँ,
मैं विस्मृति का एक और रूप ईजाद करूँगा।

अगर वे सूर्य, बादलों को पकड़ लें,
ग्रहों को छीन लें
मैं अपनी कक्षा में घूमूँगा।

अगर वे संगीत बंद कर दें
मैं बिना आवाज़ के जप करूँगा।

अगर वे काग़ज़ जला दें,
स्याही को उड़ा दें,
कंप्यूटर स्क्रीन को नष्ट कर दें,
और सभी दीवारें तोड़ दें,
मैं अपनी साँसों पर लिखूँगा।

अगर वे आग बुझा दें
जो मुझे रौशन करती है,
मैं धुएँ पर लिखूँगा।

और जब धुआँ ख़त्म हो जाए
मैं नई नज़र पर लिखूँगा
आँखों के बिना।

अगर वे मेरी ज़िंदगी ले लें,
मैं अपनी मृत्यु से लिखूँगा।


अन्हेल गुइंदा (1948-2022) स्पैनिश भाषा के सुप्रसिद्ध कवि हैं। उनकी यहाँ प्रस्तुत कविता अँग्रेज़ी से हिंदी में अनुवाद करने के लिए themarkaz.org से ली गई है। बेबी शॉ नई पीढ़ी की सुपरिचित-सम्मानित बांग्ला कवि-गद्यकार-अनुवादक हैं। हिंदी और अँग्रेज़ी साहित्य से बांग्ला में उन्होंने सराहनीय अनुवाद-कार्य किया है। अँग्रेज़ी से हिंदी में अनुवाद करने का यह उनका प्राथमिक अवसर है। उनसे और परिचय के लिए यहाँ देखें : तुम्हें दुखी करना मेरे जीवन का तरीक़ा नहीं है

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