बेर्टोल्ट ब्रेष्ट की कविताएँ ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : पूजा प्रियंवदा
आनंद
सुबह की खिड़की से पहला नज़ारा
फिर से मिली किताब
मुग्ध चेहरे
बर्फ़, मौसमों का बदलना
अख़बार
कुत्ता
द्वंद्ववाद
नहाना, तैरना
पुराना संगीत
आरामदायक जूते
बोध
नया संगीत
लिखना, रोपना
घूमना
गाना
दोस्ताना होना।
किताबों का जलाए जाना
जब सत्ता ने
आदेश दिए जला दी जाएँ सब अवैध पुस्तकें
सुस्त बैलों के झुंड गाड़ियाँ भर के लाए अलावों तक
फिर एक निर्वासित लेखक, बेहतरीन में से एक
बहिष्कृत ग्रंथों की सूची देखते हुए
उद्वेलित हो उठा—उसका नाम नहीं था!
वह भागा अपने टेबल की ओर, अपमानजनित ग़ुस्से से भरा
सत्तासीन मूर्खों को लिखने क्रोध भरी चिट्ठियाँ
जलाओ मुझे! लिखा उसने अपनी आग उगलती क़लम से—
क्या मैंने हमेशा नहीं लिखा है सच
और यहाँ तुम मुझसे एक झूठे की तरह व्यवहार कर रहे हो!
जला दो मुझे!
अलविदा
हम आलिंगनबद्ध होते हैं
क़ीमती कपड़ा मेरी उँगलियों के नीचे
जबकि तुम्हारी उँगलियाँ छूती हैं सस्ता कपड़ा
एक सूक्ष्म आलिंगन
तुम्हें न्योता है रात्रिभोज का
जबकि क़ानून के प्यादे कर रहे हैं मेरा पीछा
हम बात करते हैं मौसम और अपनी
स्थायी मित्रता की, और कुछ भी
होगा बहुत कसैला।
आलोचनात्मक रवैए पर
आलोचनात्मक रवैया
बहुतों को लगता है निरथर्क
क्यूँकि उन्हें लगता है राज्य है
उनकी आलोचना से अभेद्य
लेकिन इस मामले में निरथर्क रवैया केवल
एक कमज़ोर रवैया है। आलोचना को हथियार दो तो
इससे तहस-नहस हो सकते हैं साम्राज्य।
नदी से नहरें बनाना
फल ले पेड़ों पर क़लमें लगाना
एक इंसान को पढ़ाना
एक राज्य को बदलना
ये सब सार्थक आलोचना के कार्य हैं
और साथ ही कला के नमूने भी।
टूटी हुई डोर
टूटी हुई डोर
फिर से जुड़ सकती है
थाम के रखती है
पर टूटी है
शायद हम फिर से हों
आमने-सामने
पर वहाँ
जहाँ तुमने मुझे छोड़ा था
मैं तुम्हें नहीं मिलूँगा
दुबारा।
बेर्टोल्ट ब्रेष्ट (10 फ़रवरी 1898–14 अगस्त 1956) बीसवीं सदी के समादृत जर्मन कवि-लेखक और नाटककार हैं। यहाँ प्रस्तुत कविताएँ अँग्रेज़ी से हिंदी अनुवाद के लिए allpoetry.com से चुनी गई हैं। पूजा प्रियंवदा सुपरिचित लेखिका और अनुवादक हैं। उनसे psharmarao@gmail.com पर बात की जा सकती है। इस प्रस्तुति से पूर्व उन्होंने ‘सदानीरा’ के लिए अरबी भाषा के सुप्रसिद्ध कवि निज़ार कब्बानी की कुछ कविताएँ अनूदित की थीं : जब एक आदमी होता है इश्क़ में