स्टेफ़नी बर्ड की कविताएँ ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : रिया रागिनी
डर्बी डे
नस्लों ने शुरुआत कर दी है
नियंत्रित कर ली है
आबादी
प्रार्थना करो
प्रार्थना करो
बेन हर और उसके
यहूदेपने के लिए
पक्की सड़क पर क्रूज़िंग
प्रेम निरा था मुर्ग़ी की लाश-सा
माँ की मुस्कान-सा क़ीमती
हम बरामदे के झूले पर बैठकर प्रेम को ताकते
आकर जाते
जाकर आते
आते जाते
हमारे होंठ चाटते और
टुच्चे मुनाफ़ों में उँगलियाँ चपलाते
तुम्हारे बिस्तर में
तुम्हारी सरगर्मी से उठती हूँ
तुम जल्दी उठने की कोशिश करती हो
ताकि मेरा दिन शुरू कर सको
अनमनी मैं तुम्हारे जालें सुलझाती हूँ
मैं अभी भी सो रही हूँ
नींद में
एरोस के पंखों के नीचे
तुम तुम्हारी सेक्स मेनियाक हो
मैं तुम्हारी दीवार पर मक्खी
तुम्हें अपने बच्चे से बातें करते हुए सुनकर
मैं विश्वास ही नहीं कर सकती कि
तुम कभी सड़कों पर चलते थे
लीद और हतोत्साह से सने हुए
मैं बिल्कुल विश्वास नहीं कर सकती कि
तुमने अपने लोथड़े एक मेज़ पर
सजाए थे खाने और पचा लेने के लिए
तुम्हारी अपनी देह में पलते चालबाज़
और एक दिमाग़ को रद्द करते
तुमने मेरी कमज़ोरी को चुनौती दी थी
गाँजे और चालबाज़ी के लिए
अब मैं तुम्हारे यथार्थ पर सवाल खड़े करती हूँ
क्योंकि बिना निवेशित पक्षों उचित स्वीकृति के
तुम्हें भी अधिकार नहीं किसी श्रेय का
मदर्स केडेन्स
यहूदी अभिलाषी हैं क्रुसिफ़िक्शन के
और ईसाई प्रतीक्षा कर रहे : आतशदानों पर
अपनी महत्त्वाकाँक्षाओं को लेकर अक्खड़ लोगों की तरह
मेरे लिए बीमार हवाओं और ज्वारीय लहरों की मुराद लिए
वह बुदबुदाती है…
नौ दिनों की प्रार्थनाओं में उछलते
तुम मैरियों की स्तुति करते हो अपवित्र तालों पर
स्टेफ़नी बर्ड ने स्नातक की डिग्री मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी से प्राप्त की, परास्नातक क्लीवलैंड स्टेट यूनिवर्सिटी से। उनकी कविताएँ सेक्सुअलिटी, स्त्री-विमर्श, रेस और पावर को विषय बनाती हैं। जूली एन्स्ज़ेर के शब्दों में : “बर्ड की पोएट्री एक बढ़िया उदाहरण है कि कैसे लेस्बियन-फ़ेमिनिस्ट लेखकों ने एक लेस्बियन-फ़ेमिनिस्ट थ्योरी का निर्माण अपनी कविताओं के माध्यम से किया है। बर्ड के दोनों संकलनों में एक बहुत घनी पूछताछ है। उन्होंने कई राजनीतिक विमर्शों को पुनर्सृजित किया है, जैसे : लेस्बियन अलगाववाद, अंतर्जातीय समझौते और सामंजस्य, पहचान के विस्तार-चिह्न और न्याय और अन्याय के विचार। बर्ड बहुत निष्ठा से राजनीति और थ्योरी का अपनी कविताओं में समावेश करती हैं, तथा कविता के लिए ज़रूरी आर्ट और क्राफ़्ट पर पूरा ध्यान देते हुए आगे बढ़ती हैं। यह प्रस्तुति ‘सदानीरा’ के क्वियर अंक में पूर्व-प्रकाशित। रिया रागिनी से परिचय के लिए यहाँ देखें : वहीं दूसरी ओर