चार कवि, चार कविताएं ::
अनुवाद और प्रस्तुति : आग्नेय
लैंगस्टन ह्यूज
नीग्रो नदियों के बारे में कहता है
मैं नदियों को जानता हूं
मैं इतनी प्राचीन नदियों को जानता हूं
जितना प्राचीन है संसार
वे उतनी ही पुरातन हैं
जितना मानवीय धमनियों में बहता
मानवीय रक्त का प्रवाह
मेरी आत्मा भी नदियों-सी गहन हो चुकी है
मैंने स्नान किया यूफरेट्स
जब भोर युवा थी
मैंने कांगो के निकट अपनी झोपड़ी बनाई
और उसने मुझे नींद में सुलाया
मैंने नील की ओर ताका और उसके ऊपर पिरामिड खड़े कर दिए
मैंने मिसीसिपी का संगीत सुना
जब एब लिंकन1अब्राहम लिंकन, न्यू ओरलिंस चले गए
और मैंने देखा है उसका कीचड़ सना वक्ष
जो सूर्यास्त में स्वर्णिम हो जाता है
मैंने नदियों को देखा है
प्राचीन धुंध भरी नदियों को
मेरी आत्मा भी नदियों की तरह गहरी होती गई.
पॉल एलुआर
मेरी एक नदी
मेरी जीभ के नीचे मेरी एक नदी है
अकल्पनीय है जल
मेरी छोटी-सी डोंगी
परदे गिरे हुए
हमको बोलने दो
सेरा टीसडेल
मैं जो
मैं धूप भरी वादियों से आई
और खुले हुए सागर को खोजना चाहा
क्योंकि मैंने सोचा उसके भूरे विस्तारों से
शांति मेरे पास आ जाएगी
अतः मैं सागर के पास आ ही गई
मैंने उसे पाया बर्बर और काला
मैंने निस्पंद वादियों से चीखते हुए कहा :
‘‘दयावान हो जाओ और मुझे लौटा लो’’
लेकिन प्यासा ज्वारभाटा भूमि की ओर दौड़ा
और लवणयुक्त लहरों ने मुझे सोख लिया
और मैं जो बारिश की तरह ताजी थी
अब समुद्र की तरह कसैली हो गई हूं.
रिहाकू
नदी के सौदागर की प्रति एक चिट्ठी
यद्यपि अब सीधे कटे हुए हैं मेरे केश
मैं पुष्पों को तोड़ती खेलती हूं
सामने के गेट के आस-पास
तुम आते हो अश्व बनकर खेलते हुए
मैं जहां बैठी थी
वहीं पर आ जाते हो नीले आलूबुखारों से खेलते
और हम इसी तरह रह जाते हैं चोकान के गांव में
दो मामूली लोग बिना किसी घृणा या शंका के
जब मैं चौदह बरस की थी
मेरे मालिक मैंने तुमसे विवाह कर लिया
मैं कभी हंसती नहीं क्योंकि मैं शर्मीली थी
मैं अपना सिर नीचे किए दीवार की तरफ देखती रहती
हजार बार पुकारने पर भी
मैं पीछे मुड़कर नहीं देख पाती
पंद्रह बरस की होने पर
मैंने तेवर दिखाने बंद कर दिए
और मैं कामना करने लगी कि
मेरी धूल तुम्हारी धूल में समा जाए
सदा के लिए, सदा के लिए, सदा के लिए
काहे को मैं चढ़ती तुम्हें तकने के लिए
मेरे सोलह होने पर तुमने विदा ले ली
तुम दूर क्यू तो येन तक चले गए
भंवरों से भरी उस नदी तक
और तुम पांच माह के लिए चले गए
मेरे सिर के ऊपर बंदर उदासी भरी आवाजें करते हैं
जब तुम जा रहे थे
तुम अपने पैरों को घसीट रहे थे
अब गेट के पास सेवार उग आए हैं
कई तरह के सेवार उग आए हैं
वे इतने गहरे हैं कि उनको साफ नहीं किया जा सकता है
इस हेमंत जरा जल्द ही पतझर है हवा चलने से
जोड़ा बनाए तितलियां
अगस्त आते ही पश्चिमी बगीचे की घास पीली हो चुकी है
वह मुझे व्यथित करती है
अब मैं बुढ़ा गई हूं
अगर तुम कियांग नदी की सैकड़ों जलधाराओं से आते हो
मुझे पहले से ही बता देना
मैं चली आऊंगी
तुमसे मिलने चो-फू-सा तक
***
कवि परिचय :
लैंगस्टन ह्यूज (1902-1967) : वाल्ट व्हिटमन और रॉबर्ट फ्रास्ट की तरह लैंगस्टन ह्यूज भी अमेरिका के लोकप्रिय कवि हैं. उनकी कविताओं में काले आदमी की आत्मा की धड़कनें सुनी जा सकती हैं. ये धड़कनें किसी भी तरह अमेरका की धड़कनों से अलग नहीं हैं. लैंगस्टन जैज कविता के प्रवर्तक भी माने जाते हैं.
पॉल एलुआर (1895-1952) : फ्रांस के प्रख्यात कवि पॉल एलुआर Liberty कविता के लिए संसार भर में जाने जाते हैं. यह वह कविता है जिसने फाशिज्म के विरुद्ध जन-प्रतिरोध के लिए प्रेरित किया. यह कविता उन्होंने अपनी पत्नी के लिए तब लिखी, जब वह जेल में थे. प्रेम पर लिखी कोई कविता, राजनीतिक प्रतिरोध की कविता कैसे बन जाती है, Liberty इसका सत्यापन है.
सेरा टीसडेल (1884-1933) : बीसवीं सदी के अमेरिका में अपनी गीतात्मकता के लिए सर्वाधिक विख्यात सेरा टीसडेल की कविताओं में छंद और लय से बुना गया देर तक मन में गूंजने वाला शाब्दिक संगीत है. प्रेमानुभूति का सघन अवसाद सेरा की कविताओं में एक बेचैन कर देना वाला प्रभाव पैदा करता है.
रिहाकू (701 AD – 762 AD) : पश्चिम में चीन के प्राचीन कवियों को अनेक नामों से जाना जाता है : ली बाई, ली पो, ली बो, रि हाकू उनके ही नाम हैं. एजरा पाउंड ने रि हाकू की कई कविताओं से अंग्रेजी में अनुवाद किए हैं. यहां प्रस्तुत अनुवाद एजरा पाउंड के लिए अंग्रेजी अनुवाद पर ही आधृत है.
आग्नेय हिंदी के समादृत कवि-अनुवादक और ‘सदानीरा’ के प्रधान संपादक हैं.