तारिक़ अल-करमी की कविताएँ ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : देवेश पथ सारिया

मेरा दिल तुम्हारे ख़ुफ़िया प्यार की एक घंटी है
तुम यहाँ हो,
मेरी देह के नीचे,
एक सोई हुई कँपकँपी
तुमने सूर्योदय को
अपनी इत्र की शीशी में दुह लिया है
देखो, ए दिल, मैं तुमसे प्यार करता हूँ
मेरी उँगलियाँ,
एक बाड़ में प्रवेश करती हैं
तुम्हें उठा लेने के लिए
तुम्हारी उँगलियाँ डूब जाती हैं
बर्लिन की नई दीवार में
मुझ अक्षीय फूल1अक्षीय फूल वे होते हैं; जो पत्ती के कोण से बाहर निकलते हैं, जहाँ यह तने से जुड़ती है। ये पौधे के केंद्र के पास पाए जाते हैं। को चुनने के लिए
क्या मैंने अपनी
चमकती उँगलियों के बीच
पकड़ी बाँसुरी बदल दी?
तुम्हारी उँगलियाँ चोंच हैं
इन उँगलियों की पकड़ में
मैं होता हूँ एक पियानो
और थकता नहीं कभी
हमारी उँगलियों के टकराने से
हम जन्म लेते हैं
तुम एक घंटी हो
और मैं भी एक घंटी
हम एकदम चुपके से
दस्तक देते हैं
एक-दूसरे पर।
शानदार पूर्णता की मिथकीय कथा
रिचर्ड का घोड़ा ‘शेरदिल’ भी नहीं
सिकंदर का अश्व ब्यूसेफालस भी नहीं
रोमन घोड़े भी नहीं
जो अपनी राक्षसी निपुणता से
मकानों को हिला डालते थे
क़िस्सों में मशहूर और अमर
ट्रॉय के घोड़े भी नहीं
नहीं, पृथ्वी पर
ऐसा घोड़ा
कभी हुआ ही नहीं
भले ही उसने प्राप्त कर ली हो
संपूर्ण महानता और पूर्णता
भले ही उसे न लगी हो
अंतत: एक भी गोली
सिवाय
इस घोड़े के
जो मेरे पिता ने मेरे लिए ख़रीदा—
मेरा घोड़ा
भले ही यह छोटा-सा है
और लकड़ी का बना है।
ग़रीबी
दुनिया की सारी
वियाग्रा
मिलकर भी
अर्थव्यवस्था को
ऊपर नहीं उठा सकेगी।
तारिक़ अल-करमी [जन्म : 1975] फ़लस्तीनी कवि हैं। उन्होंने कविता लिखने की शुरुआत किशोरावस्था में की और 22 साल की उम्र में उनकी पहली किताब प्रकाशित हुई। अब तक उनके कई कविता-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। उन्हें राष्ट्रपति यासिर अराफ़ात से फ़लस्तीनी मेडल हासिल हो चुका है। देवेश पथ सारिया से परिचय के लिए यहाँ देखिए : देवेश पथ सारिया