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लहरें

ख़ाली जगह में बचना

in गद्य on दिसम्बर 23, 2018 फ़रवरी 23, 2020
Manav Kaul hindi prose

गद्य :: मानव कौल

हिंदी का ख़ाली पेट लेकर घूमने के बाद

in कविताएँ हिंदी कविता on दिसम्बर 22, 2018 फ़रवरी 23, 2020

कविताएँ :: अंजुम शर्मा

ज़रूरी हो जाओ

in उद्धरण on दिसम्बर 21, 2018 फ़रवरी 23, 2020

सिमोन द बोउवार के कुछ उद्धरण :: अनुवाद : सरिता शर्मा

माया से मैजिकल रियलिज्म तक

in गद्य on दिसम्बर 19, 2018 फ़रवरी 23, 2020

सफ़र :: मनीषा जोषी

गिद्ध की प्रेयसी बनकर

in कविताएँ भारतीय कविता on दिसम्बर 18, 2018 फ़रवरी 23, 2020
gujrati poet manisha joshi photo 88

मनीषा जोषी की कविताएँ :: गुजराती से अनुवाद : सावजराज

‘मुझे पता है कि कोई घर नहीं है’

in बातें on दिसम्बर 17, 2018 फ़रवरी 23, 2020
gujrati writer manisha joshi photo

बातें :: मनीषा जोषी से गोपिका जडेजा अँग्रेज़ी से अनुवाद : सरिता शर्मा

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