शुरुआत :: आग्नेय
एक निरभ्र मध्यरात्रि
कवितावार में वाल्ट ह्विटमैन की कविता :: अनुवाद : आग्नेय
नया अंक : वर्ष 6, अंक 19
क्रम :: ग्रीष्म 2018 आ वा जें
कहने और न कहने के खतरे जानते हुए
मौजूदा हिंदी कविता से जुड़े कुछ अनुभव :: अंचित
इतने वजन के बावजूद कोई शिकायत नहीं
अदीब जानसेवेर की कविताएं :: तुर्की से अनुवाद : निशांत कौशिक
मेरी लहूलुहान उंगलियां भरती रहीं तुम्हारी तिजोरियां
रियानो गिडन्स का एक गीत :: अनुवाद और प्रस्तुति : यादवेंद्र