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अड्रिएन रिच
अनुवाद : आग्नेय
अड्रिएन रिच (16 मई 1929 – 27 मार्च 2012) को परिचय की कोई आवश्यकता नहीं है. वह बीसवीं सदी की सर्वाधिक यशस्वी कवयित्री और निबंधकार थीं. उनको अनेक सम्मान और पुरस्कार मिले, जिनमें से अमेरिका का National Book Award, A Book Circle Award और Lannan Life Time Achievement प्रमुख रूप से उल्लेखनीय हैं. अमरेकी कवि राबर्ट हैस ने उनकी काव्य-कृतियों में ‘नमक और अंधकार’ के गुणों को अनुभव किया और उन्होंने उनके काव्य-संसार में कठिनाई से मुठभेड़ करने की प्रबल आवश्यकता को पाया. रिच के कविता-संग्रह Tonight No Poetry Will Serve में व्याकुलता से आनंद, नृशंस से काव्यात्मक तक के काव्य-शिखर हैं. ई-मेल के माध्यम से हुई प्रस्तुत बातचीत में रिच ने कविता और शक्ति, युद्धकालीन सौंदर्य-बोध के कोमल स्पर्शों की खोज और स्त्री-नागरिकता पर अपने विचारों को साझा किया है.
सबसे पहले कविता-संग्रह के शीर्षक से प्रारंभ करें.
इस संग्रह में मैंने Webster’s Dictionary से एक epigraph लिया है – to serve – क्रिया की परिभाषा. इस क्रिया में बड़ा दिलचस्प अर्थ-विस्तार है. कानून, सेना, जेल का दंड जैसी सत्तात्मकता के प्रति आज्ञाकारी दासता के विचार, दूसरों की जरूरतों को पूरा करना, उपयोगी होना जैसे अर्थ शामिल हैं. इस शीर्षक वाली कविता यंत्रणा और हिंसा के संसार में एक कामोद्दीपक क्षण को दर्ज करती है. बीच में वह ऐंद्रिकता और काव्यात्मकता को छोड़कर एक शास्त्रीय व्याकरण में अपने को व्यक्त करने लगती है. यह एक ऐसा व्याकरण है, जो हिंसक नीतियों की इस तरह व्याख्या करता है, जैसे कोई कक्षा में किसी वाक्य का रेखा-लेखन करे.
यह कविता लोगों तक पहुंच रही है. जब मैं एमी गुडमन के कार्यक्रम Democracy Now में Guantánamo के बारे में साक्षात्कारों को सुनती हूं, waterboarding में यंत्रणाओं का सरकारी अस्वीकार, renditioning में उन देशों में भेजे गए आतंकवादी जिनको अंततः यंत्रणाएं दी जाएंगी. इस पंक्ति- Tonight I think No Poetry will Serve में यह अभिव्यंजना है कि कविता ऐसे कृत्यों को उपशमित नहीं कर सकती. वे स्वयं भाषा को खारिज कर देंगे. एक ऐंद्रिक देह-बोध से प्रारंभ यह कविता उन देहों की उपस्थिति का भयंकर रूप से स्मरण कराती है, जो दूसरे जगहों पर हैं.
क्या इस संग्रह में ऐसी कविताएं हैं, जो आपके पिछले संग्रहों से अलग हैं. कहां निरंतरता है, कहां अलगाव है?
वस्तुतः इस संग्रह को मैं इस तरह से नहीं देखती हूं. मेरा लेखन, मेरी सोच कई दशकों से, कई तरह से बनती हुई, अपना रास्ता बना रही है. मेरा तीसरा संग्रह Snapshots of a daughter-in-law (1963) अवश्य ही मेरी पिछली कृतियों से इस अर्थ में अलग है कि उसमें पुराने रूढ़िगत काव्य-शिल्प के स्थान पर अपनी कविता के लिए, एक नए और वास्तविक शिल्प की तलाश है. यह मेरे प्रारंभिक तीसरे दशक की बात है. जहां तक मुझे स्मरण है, मुझे ध्वनि के विशिष्ट स्वरूप की चिंता थी. एक काव्यात्मक पंक्ति को पदमय करना. Snapshots के बाद से मैं आवाजों के खिंचाव और उनके प्रस्फुटन के निकट हूं. कभी वे वार्तालाप की तरह हैं और कभी ग्रीक ट्रेजेडी के कोरस और संवादों की तरह हैं. एक सामुदायिक व्यवस्था या अव्यवस्था में आग्रह की स्थितियों को संबोधित वे आवाजें वैयक्तिक हो सकती हैं, लेकिन वे एक सहभागिता वाले नैतिक यथार्थ की खोज करती हैं. संगीत और शब्दों की ध्वनियां मेरे लिए एक साथ काम करती हुईं, हमेशा मेरे लिए जरूरी रही हैं. यह जरूरी नहीं है, उनका सुनना आसान हो, वह चार्ल्स मित्गस या माहलर के ‘डेर एरडे’ की तरह बिखरा, टूटा और असंगत संगीत भी हो सकता है. कविता Reading the Iliad (As If) for the First Time इन शब्दों- Lurid, garish, gash से खुलती है.
मैं कविता में एक दैहिकता का, रक्त और आमिष का, एक दैहिक भाषा का बोध चाहती हूं. मैं चाहती हूं पाठक या श्रोता पर शब्द दैहिक रूप से प्रतिक्रिया करे.
हमारे कान, हम चाहें या न चाहें, एक दिन में बहुत कुछ ग्रहण कर लेते हैं. हो सकता है कुछ उत्तरी अमरेकियों के कानों के लिए कविता कुछ नहीं भाती हो, क्योंकि वे आक्रामक सत्तासीन लोकाचार के कोलाहल से जिसमें युद्ध, सफलता, राष्ट्रीय सुरक्षा, जय-पराजय, स्वामित्व, जिन्सों, डिब्बा-बंद सूचनाएं, डिब्बा-बंद हंसी की इतनी आवाजें शामिल हैं, आक्रांत हैं. कविता प्रत्यक्ष हो सकती है— बोल-चाल की हो सकती है. वह तात्कालिक या आक्रोश से भरी हो सकती है. लेकिन वह रिक्त कोलाहल नहीं है, वह इस तरह की भाषा को अपदस्थ करना चाहती है. वह दूसरी तरह की ध्वनियों को सुनना चाहती है.
प्रश्र की ओर लौटती हुई मैं यह देखती हूं कि आठवें दशक में मैं उन साधनों, उन उपकरणों की तलाश कर रही थी, जो प्रखर सरोकारों और इच्छाओं से रचित हों, जिन्हें मैं और किसी तरह से प्राप्त नहीं कर पा रही थी. मैं सारे संसार के इतिहास को एक चेतना के रूप में देखना चाहती थी. थोड़ा-सा और स्पष्ट करते हुए मैं यह कहना चाहती हूं कि यह सारा संसार मानवीय आवश्यकताओं, उसके मानस, उसके श्रम और उसकी अनुरक्ति (जिसमें मानवीय क्रूरता और लालचपन भी शामिल है) से रचा-बसा है. मैंने शीतयुद्ध के प्रारंभिक दिनों से शुरू किया. मेरे पहले संग्रह की पहली कविता Storm Warning जो A Change of World (1951) में है – उस चिंता – चिंता और शक्तिहीनता के बोध को प्रतिबिंबित करती है.
शक्तियों के संबंधों का जैसे ही मैंने गूढ़ अर्थ निकालना शुरू किया. एक समय के अंतराल में – उसने मेरे गद्य और पद्य – दोनों को ओत-प्रोत कर दिया. लेकिन कविता वहां थी जहां मैं अपने सांसारिक अनुभवों और सबको अनुभूत करते हुए मुठभेड़ कर रही थी, संभवतः मैं कुछ बदलना भी चाहती थी. 1950 के मध्य में Snapshots of a daughter-in-law संग्रह की एक कविता From Morning Glory to Petersburg जिसका शीर्षक एक विश्वकोश से लिया गया था, यह प्रश्र उठा रही थी कि एक चेतन रणनीति की तरह कैसे वर्गीकृत सूचनाओं के अलग-अलग टुकड़ों से जीने योग्य अर्थ निकाल सकते हैं? उन तथ्यों के साथ कैसे जिया जाए, जो एकीकृत नहीं होते? एक तरीका कविता है जिसके माध्यम से वे एकीकृत हो सकते हैं.
यह संग्रह अपेक्षाकृत आपके पिछले संग्रहों से स्पष्ट रूप से राजनीतिक है. इसके साथ ही वह गहराई से वैयक्तिक है, विशेष रूप से वहां, जहां वह कवि के लिए वाणी और रचनात्मक कर्म के निवेश की खोज करता है. क्या वैयक्तिक और राजनीतिक आपके लिए एक साथ रहते हैं? क्या ऐसा सदैव होता रहा है?
मैं पक्की तरह से नहीं जानती हूं कि आप मेरे अन्य संग्रहों से मेरे इस नए संग्रह को खुली तरह कैसे राजनीतिक मान रही हैं. हमारी भाषा में ‘राजनीतिक और वैयक्तिक’ का विभाजन एक जाल है. जब मैं युवा थी, निस्संदेह मैं इस जाल में फंसा दी गई थी, उन अन्य स्त्रियों और कवियों की तरह जिनको यह जाल अनुभूति का माध्यम जैसा लगा था.
मैंने 1969 में लिखा, ‘‘जिस पल प्रवेश होती है अनुभूति देह में, वह पल राजनीतिक है. वह स्पर्श राजनीतिक है.’’ The Will to Change [1971] की कविता The Blue Ghazals में यह पंक्ति लिखना, उस तलाश का वह लम्हा था, जो मैंने पहले से ही शुरू कर दी थी. मेरी अधिकांश प्रारंभिक कविताएं उसी ओर जा रही थीं. हालांकि मैं न यह देख पा रही थी और न सीधे यह कह पा रही थी.
Waiting for Rain, for Music की ये पंक्तियां, ‘‘एक दौड़ती हुई कार में हिलता Straphanger, अवैध सुलेखन में हथेली पर लिखी एक नोटबुक युद्ध के विरुद्ध है, कविता स्वयं अपने विरुद्ध है.’’ यह युद्ध क्या है?
मैं सबवे कार में किसी की कल्पना कर रही हूं, जो युद्ध के विरुद्ध कविता लिखने का प्रयत्न कर रहा है, उसी तरह जैसे हमने वियतनाम युद्ध के दौरान, और उसके बाद और ऐतिहासिक रूप से पहले भी युद्ध का विरोध किया.
युद्ध के विरोध में होना एक आसान-सी घटना बन गई. युद्ध स्वामित्व और विपन्नता की, आर्थिक और धार्मिक मत-वादों, रंगभेद, औपनिवेशिक शोषण, राष्ट्रवाद और असमान शक्ति की एक संरचना है. युद्ध के विषय में कौन निर्णय लेता है? युद्ध में कौन नष्ट होता है? कौन आतंक और प्रजातंत्र की अलंकारिकता रचता है? इसलिए एक कवि का सबवे में एक अवैध सुलेखन में उस कविता को जो शांति की पक्षधर है, युद्ध के विरोध में लिखना सरल और सुखद है. नैतिक रूप से युद्ध भी उतना ही सरल है. आप कहना चाहें तो कह सकते हैं, ऐसी कविता का कोई सामाजिक क्रिटिकल विजन नहीं है.
कविता के दायित्व क्या हैं? क्या आपके समय में वे बदले हैं?
मैं नहीं जानती कि कविता का कोई सार्वभौम या असाधारण दायित्व है. यह एक महान सतत सृजन का मानवीय कर्म है, जो विभिन्न समयों और विभिन्न स्थितियों में गतिमान रहता है. इस समय में जिसे हम ‘अपना समय’ कहते हैं, कवि disinformation और manufactured distraction के भंवरों से बचे. उसका यही दायित्व है कि वह इसकी जालसाजी न करे, एक झूठी मासूमियत का अभ्यास न करे, जो पड़ोस में या दूसरे शहर में हो रहा है, उसकी पर्दादारी न करें. छिछले फॉर्मूलों को, एक आलसी अराजकतावाद को, और एक दमघोंटू आत्मिक संदर्भ को न माने.
हमारा इसके अतिरिक्त दूसरा कोई दायित्व नहीं है कि हम एक सम्मानजनक मनुष्य की तरह व्यवहार करें. दूसरों की ईमानदारी और भलमनसाहत, साहस और पारदर्शिता को एक व्यापक सामाजिक समन्वय में स्वीकार करें.
क्या आप थोड़ा-सा एक्सेल अवकार (Axel Avákar?) के विषय में बात करेंगी? कभी-कभार वह उस आत्म की तरह दिखाई देता है, जिसकी रचना आपने अपनी कल्पना तक पहुंचने के लिए की है और कभी उन सत्यों की तरह जो कविता में आ जाते हैं. Axel कविताओं में पारस्परिक विश्वासघात इतना अधिक क्यों महत्वपूर्ण हो गया है?
दिलचस्प है. मैं कभी किसी विचार से शुरू नहीं करती हूं. मैं ऐसा नहीं ही करती हूं. कविता स्वप्न में प्रारंभ होती है, जिसमें एक लंबी scroll को Axel Avákar से हस्ताक्षरित कविता की तरह पढ़ रही हूं. यह दिया हुआ था. इसके बाद कविता पर वास्तविक काम करना शुरू करती हूं. मैं नहीं जानती Axel Avákar नाम कहां से आया. मैं नहीं सोचती हूं कि परस्पर विश्वासघात उसका उपपाठ है, बल्कि दो व्यक्तित्व आत्मीय रूप से किसी तरह कभी संबद्ध हैं और कभी अलग हैं. एक दूसरे को संबोधित करता है, उसे मौन मिलता है या रिकॉर्डेड संदेश. चूक गए संवाद हैं, खोए हुए अवसर हैं, खतरे हैं. प्रश्र है कौन किसको बचा सकता है? यह एक सघन परतों वाली दृश्यावली है. मुझे आशा है कि वह न्यूनीकरण का विरोध करती है. मैं स्थानों, भावनाओं और स्थितियों का एक चाक्षुष और वाचिक प्रखर अनुक्रम चाहती थी. यदि उसका कोई पूर्वज है तो वह Leaflets (1969) का The Demon Lover हो सकता है.
क्या आप Tonight No Poetry Will Serve की कोई कविता सोच सकती हैं, जो आपकी पिछली कविताओं का सीधा उत्तर हो? उदाहरणार्थ, You, Again और Diving into the Wreck.
ऐसा तो नहीं है. लेकिन You, Again में उसकी एक वंशावली है. ‘तुम’ वैयक्तिक शहर न्यूयार्क है, जहां मैं छठवें दशक में रहती थी और उसे जानती थी. मैंने ढेर सारी कविताएं उसके बारे में और वहां से लिखी हैं. मैं सोचती हूं You, Again में लौटने और पुनर्वास की निरंतर लालसा है. लेकिन यह शहर, जैसा वह 1966 और 1978 में होता था, व्यापक रूप से बदल गया है. संपदा और पर्यटन ने उसे खरीद लिया है.
अभी हाल में मैंने James Baldwin’s के उपन्यास Another Country को दुबारा पढ़ा. पांचवे दशक के न्यूयार्क पर लिखा गया यह एक महान उपन्यास है. बाल्डविन ने प्रस्तावित संभावनाओं और क्रूर पराजयों, सामाजिक और रंगभेदी अतिक्रमणों को, जो जीवित बचे रहने के लिए जरूरी थे, देखा और अनुभव किया था. मैं उस शहर को पहचानती हूं. यह कोई नॉस्टेल्जिया नहीं है.
आपने Powers of Recuperation में लिखा है, ‘‘सारे नए सबक पहले अराजकता की तरह होते हैं.’’ क्या आप भविष्य के प्रति आशावान हैं?
यह कविता ‘नागरिक दल की एक स्त्री’ से जैसे ही प्रारंभ होती है, तत्काल एक आवाज हस्तक्षेप करती है, ‘यह क्या है?’ इसमें रैडिकल नागरिकता का विस्मृत इतिहास, प्रतिरोध, एक ऐसा दल जो अब भी अस्तित्व रखता है लेकिन बहिष्कृत और अवैध, अंतर्निहित है. उसके भविष्य और अतीत के नेता पुलों के नीचे रहते हैं, गुप्त संकेत-भाषा में विचार-विनिमय करते हैं और इतिहास के नए कालखंड बनाने की तैयारी में लगे हैं. वे एक नई learning की शुरुआत करना चाहते हैं. वह स्त्री उनकी नेता हो सकती है या संदेश-वाहक या जिसने अभी तक आत्म-समर्पण नहीं किया है.
कविता के अंत में Dürer की प्रख्यात Engraving-Melencolia I का बिंब है. वह देह और चेहरे से एक ताकतवर स्त्री को दिखाता है, जो अंतर्मुखी है और विज्ञान और कारीगिरी के विविध उपकरणों के बीच आसीन है. वह किसी कल्पना में लीन है. हम नहीं जानते Melencolia I एक कल्पनाशील आत्मा की उदासीनता के एक पुराने विचार की ओर संकेत करती है. यह उदासीनता न हो, बल्कि संसार का एक गहन अध्ययन हो. यह engraving मेरे घर की दीवाल पर, तब से टंगी है जब मैं बीस वर्ष की थी. एक निर्मित नगर के उजाड़ में से चलती एक नागरिक स्त्री एक अनबने स्थान के एक योजनाकार से टकराती है. मुझे आशा है कि ये रूपकीय कृतियां अधिक समय के लिए रूपकीय न बनी रहें.
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यह साक्षात्कार केट बाल्डमेन के द्वारा लिया गया है और The Paris Review के मार्च 2011 के अंक में प्रकाशित है. आग्नेय हिंदी के समादृत कवि-अनुवादक और ‘सदानीरा’ के प्रधान संपादक हैं.