गद्य ::
नवीन रांगियाल
लव अफ़ेयर विद लियोनार्ड कोहेन… यू आर टू मच इन माय हार्ट कोहेन
मैं अभी-अभी एडेल की सनक से बाहर आया हूँ। आग में जलती हुई उसकी बारिशें अभी ठंडी भी नहीं हुई थीं कि जून के ढलते-ढलते कोहेन याद आने लग। वही लियोनार्ड कोहेन जिसे मैंने बस की खिड़कियों से बाहर बहती पवनचक्कियों के साथ धीमे-धीमे सुना था।
जून के बाद जब धीमी बारिशें शुरू हो जाती हैं, ठीक इसी वक़्त लियोनार्ड कोहेन याद आने लगता है। ये वे दिन हैं, जिनकी रातें बारिशों की वजह से बहुत लंबी हो जाती हैं… और इन्हीं दिनों में मैं कोहेन को बहुत धीमे-धीमे और देर तक सोचने लगता हूँ।
ठीक उसी तरह जैसे कोहेन अपनी जवानी के दिनों में फ़ेदरिको गार्सिया लोर्का को याद करता था—धीमे-धीमे। इसलिए वह गाता भी बहुत धीमे था और बहुत गंभीर भी—गहरे तक। इतनी रुकी हुई-सी आवाज़ किसी और कलाकार के पास नहीं होगी—बारिश की किसी रात में लंबी कविता पढ़ने की तरह। न कोई हवा, न झोंका। बिजली-सा कोई अचंभा भी नहीं। एक ही नोटेशन में बहती हुई रात, बारिश और कोहेन की कविता।
सड़क किनारे के अँधेरे में कोई पीला लैंप-पोस्ट एक ही जगह पर खड़े होकर बारिश को झरता हुआ देखता रहता है—रात भर।
लियोनार्ड नॉरमेन कोहेन तीस के दशक में पैदा होने वाला यहूदी था। जवानी में कोहेन कनेडियन कवि इरविंग लेटन के इंप्रेशन में था, लेकिन वह अपने प्रिय कवि फ़ेदरिको गार्सिया लोर्का की तरह पोएट बनना चाहता था।
यही वजह रही होगी कि बाद में कोहेन एक गाता हुआ कवि हो गया। हालाँकि अपनी साहित्यिक नाकामयाबी के चलते दुनिया में उसे सिंगर और सॉन्ग राइटर ज़्यादा माना और समझा गया।
कोहेन जब गाता था तो लगता था कि अपने प्रेम-पत्र पढ़कर सुना रहा है। वे सारी कविताएँ सुना रहा है जो उसने अपनी गर्लफ़्रेंड मेरिएन के साथ रहते हुए लिखी या बुनी होंगी।
वही मेरिएन इहलेन जो कोहेन से साल 1960 में हाइड्रा के ग्रीक आइलैंड पर मिलीं और फिर कविता में तब्दील होकर हमेशा के लिए कोहेन के पास रह गईं—उसे लियोनार्ड कोहेन बनाने के लिए।
क्या हर आदमी प्रेम में ही अचीव करता है और प्रेम में ही बर्बाद होता है?
मेरिएन के प्यार में कोहेन ने अपनी ज़िंदगी के सबसे बेहतरीन गीत लिखे और गाए। इतना ज़्यादा और गहरा प्यार जैसे थाउजंड किसेस डीप…
कोहेन और मेरिएन की प्रेम-कहानी प्रेम-पत्रों का एक पूरा पाठ है। दूर रहते हुए कोहेने ने क़रीब पचास लव लेटर्स लिखे मरिएन को। उन्हें कविताओं की तरह गाया।
यह वह दौर था जब मोंटेरियल में शायद ही कोई लड़का होगा जो कोहेन की कविताओं को सुनकर बड़ा नहीं हो रहा होगा। लेकिन तब शायद ही कोई जानता था कि ये कविताएँ कोहेन की ‘म्यूज’ बन चुकी मेरिएन की वजह से अस्तित्व में आ रही हैं।
क्या इसी वजह से कोहेन के गीतों में इतना इत्मीनान है, और उसकी आवाज़ में इतने सारे पॉज़ मौजूद हैं?
छोटी उम्र में प्यार और लेखक एक्सेल जेनसन से शादी, बच्चे और फिर अलगाव के दु:स्वप्न के बावजूद मेरिएन कोहेन के लिए म्यूज बन गईं। मेरिएन को भी शायद अपने रिसते हुए घावों को छुपाने और भरने के लिए कोहेन के पियानों की ज़रूरत थी।
वह कोहेन की ज़िंदगी में एक लंबी और देर तक ठहरने वाली कविता थी और वही उसके संगीत में भी आ गई।
कोहेन की ज़िंदगी में मेरिएन बहुत ज़्यादा थीं। शायद इसीलिए कभी कोहेन ने मरिएन के लिए गाया था :
‘‘डांस विद मी टू द एंड ऑफ़ लव।’’
कोहेन ने अपने एक लव लेटर में लिखा भी है : ‘‘यू आर टू मच इन माय हार्ट…’’
“It’s hard to write you. The surf is too loud. The beach is too crowded, and you’re too much in my heart to put anything down.”
हर कोई अपने भ्रम या इंस्पिरेशन को फ़ॉलो करता हैं। कोहेन ने भी किया। लेकिन कोहेन ज़िंदगी के बाद भी मेरिएन का पीछा करता रहा। 28 जुलाई 2016 में जब मेरिएन इहलेन की मृत्यु हुई तब उसने कहा था : ‘‘डियरेस्ट मेरिएन, आई एम जस्ट अ लिटिल बिहाइंड यू, क्लोज़ इनफ़ टू टेक यूअर हैंड्स…’’
…और ठीक तीन महीने बाद 7 नवंबर 2016 को कोहेन भी अपनी म्यूज के पास उस पार चला गया।
इस जून में बारिश की एक रात में जब मैं प्रेम-कहानी के बारे में सोच रहा था, ठीक इसी हफ़्ते लियोनार्ड कोहेन के मेरिएन को लिखे प्रेम-पत्र न्यूयॉर्क में क्रिस्टीज़ आर्ट हाउस में नीलाम किए जा रहे थे।
नवीन रांगियाल हिंदी कवि-गद्यकार और पत्रकार हैं। इधर उनका अपने काम को लेकर संकोच कुछ टूटा है, इस वजह वह प्रकाशन और पाठ के बीच उपस्थित हैं। इंदौर में रहते हैं। उनसे navin.rangiyal@gmail.com पर बात की जा सकती है। लियोनार्ड कोहेन के गीत-संगीत से गुज़रने के लिए यहाँ देखें : rollingstone.com