मारियो वार्गास ल्योसा के उद्धरण ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सरिता शर्मा

मारियो वार्गास ल्योसा | तस्वीर सौजन्य : grupobcc.com

कोई ख़ुद से नहीं लड़ सकता, क्योंकि इस लड़ाई में सिर्फ़ एक ही हारता है।

स्मृति एक जाल है, शुद्ध और सरल; यह बदलती है, यह अतीत को वर्तमान के अनुरूप करने के लिए उसे सूक्ष्मता से पुनर्व्यवस्थित करती है।

लेखक अपने स्वयं के राक्षसों को भगाने वाले होते हैं।

मैंने उसे आश्वस्त किया कि उसकी पहली वफ़ादारी दूसरे लोगों के प्रति नहीं, बल्कि अपनी भावनाओं के प्रति है।

जीवन एक तूफ़ान है, जिसमें कला ही हमारी एकमात्र छत्रछाया है।

मेरे मामले में साहित्य एक प्रकार का प्रतिशोध है। यह मुझे वह देता है, जो वास्तविक जीवन मुझे नहीं दे सकता—सारे रोमांच, सारे दु:ख… सारे अनुभव; जिन्हें मैं केवल कल्पना में जी सकता हूँ, उन्हें साहित्य पूरा करता है।

लेकिन मेरे पास क्या है? जो बातें मुझे बताई जाती हैं और जो बातें मैं बताता हूँ, बस इतना ही! और जहाँ तक मुझे पता है, इससे आज तक कोई भी उड़ान नहीं भर पाया है।

चाहे वह कितना भी क्षणभंगुर क्यों न हो; एक उपन्यास कुछ तो होता है, जबकि निराशा कुछ भी नहीं होती।

विज्ञान अभी भी एक बड़ी अँधेरी गुफा में टिमटिमाती मोमबत्ती मात्र है।

क्रांति समाज को उसके दुखों से मुक्त करेगी, जबकि विज्ञान व्यक्ति को उसके दुखों से मुक्त करेगा।

एक व्यक्ति की मृत्यु की कल्पना करना सौ या हज़ार लोगों की मृत्यु की कल्पना करने से ज़्यादा आसान है।

जब दुखों को गुणा किया जाता है, तब वे अमूर्त हो जाते हैं। अमूर्त चीज़ों से प्रभावित होना आसान नहीं है।

काल्पनिक कहानियाँ लिखना सबसे अच्छी चीज़ है क्योंकि हर चीज़ संभव है!

पुरानी यादें कायरता हैं।

वे दुर्व्यवहार, हत्याओं, भ्रष्टाचार, जासूसी, अलगाव, भय को भूल गए थे : डरावनी कहानियाँ मिथक बन गई थीं। हर किसी के पास नौकरी थी और इतना अपराध नहीं था।

एक लेखक हमेशा अपने ऊपर पड़े प्रभावों के प्रति सचेत नहीं रहता।

न्याय और अन्याय, स्वतंत्रता और उत्पीड़न, वर्गहीन समाज और वर्ग समाज के बारे में बात करने के बजाय, वे ईश्वर और शैतान के बारे में बात करते थे।

जीवन जीने का प्रयास तभी सार्थक है, जब जीवन के बिना हम कहानियाँ नहीं पढ़ सकते या उनकी कल्पना नहीं कर सकते।

साहित्य के कारण हम कम से कम आंशिक रूप से; उस चित्रलिपि को समझ सकते हैं, जो अधिकांश मनुष्यों के लिए अस्तित्व की विशेषता है।

अपराधी ग़लत दिशा में निर्देशित मानव-ऊर्जा की अधिकता का मामला है।

जब आप राजनीति में शुद्धता की तलाश शुरू करते हैं, तब आप अंततः अवास्तविकता तक पहुँच जाते हैं।

हमारे समय के सबसे हानिकारक मिथकों में से एक यह है कि ग़रीब देश अमीर देशों की साज़िश के कारण ग़रीबी में रहते हैं; जो उन्हें अविकसित रखने के लिए कार्यों की व्यवस्था करते हैं, ताकि उनका शोषण किया जा सके।

घर बदसूरत होते हैं—नक़ल की नक़ल।

देशभक्ति दुष्टों की अंतिम शरणस्थली है।

अगर आपको इसलिए मार दिया जाता है; क्योंकि आप एक लेखक हैं, तो आप जानते हैं कि यह सम्मान की अधिकतम अभिव्यक्ति है।

वास्तविक सत्य एक चीज़ है और साहित्यिक सत्य दूसरी चीज़ है और दोनों सत्यों को एक साथ लाने की इच्छा से ज़्यादा मुश्किल कुछ नहीं है।

बहुत सारी समस्याएँ थीं… जहाँ भी देखो दुष्टता अपना सिर उठा रही थी।

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मारियो वार्गास ल्योसा [1936-2025] साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित संसारप्रसिद्ध पेरूवियन साहित्यकार-पत्रकार राजनीतिज्ञ हैं। उनके यहाँ प्रस्तुत उद्धरण अँग्रेज़ी से हिंदी में अनुवाद करने के लिए इंटरनेट से चुने गए हैं। सरिता शर्मा सुपरिचित हिंदी लेखिका और अनुवादक हैं। उनके अनुवाद में कुछ और संसारप्रसिद्ध लेखकों-विचारकों के उद्धरण यहाँ पढ़िए : वी. एस. नायपॉल │ हरमन हेस │ विलियम फॉकनर │ ग्राहम ग्रीन │ मिलान कुंदेरा │ निकोलाई गोगोल │ जेम्स बाल्डविन │ वालेस स्टीवंस│ हारुकी मुराकामी │ मार्क ट्वेन │ सी. एस. लुईस │ अल्फ़्रेड एडलर │ लियोनार्ड कोहेन │ ओरहान पामुक │ अमोस ओज़ │ गुस्ताव फ़्लाबेयर │ यून फ़ुस्सेफ्रांत्ज़ फ़ैनन

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