गर्टरूड स्टाइन के कुछ उद्धरण ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : प्रत्यूष पुष्कर
दया से लालिमा आती है, निर्दयता से त्वरित एक ही प्रश्न, एक आँख से अनुसंधान जन्मता है, चयन से कष्टप्रद मवेशी।
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दया और दवा में कोई एहसानमंदी नहीं है। अगर उधार लेना प्राकृतिक नहीं हो तो देने का कोई अर्थ भी है।
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चीनी सब्ज़ी नहीं है।
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धूल साफ़ है, अगर सघनता से है।
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उस हिंसक प्रकार के आनंद का क्या मतलब है, अगर उससे न थक पाने में कोई सुख ही नहीं हो तो।
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उद्धरण के होने से पहले प्रश्न का आना नहीं होता।
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एक अकेली छवि वैभव नहीं है।
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मनोरंजक पक्ष यह है कि जितनी जल्दी जितना कम न हो सके, उतना ही अवश्यंभावी है ज़रूरतों का अवसान।
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रिमार्क्स साहित्य नहीं हैं।
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बहुत ज़ोर से या फिर ख़ूब निष्ठा से बेहोश होती हुई।
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जीनियस बनने में बहुत समय लगता है। बहुत देर तक बैठे रहना पड़ता है—बिना कुछ करते हुए, सच में बिना कुछ करते हुए।
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अगर तुम किसी के बारे में कुछ अच्छा नहीं कह सकते तो मेरी बग़ल में आकर बैठो।
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एक बहुत महत्त्वपूर्ण चीज़ यह है कि ऐसा मन न बना लें कि आप कोई भी एक चीज़ हैं।
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सवेरे में अर्थ होता है, शाम में महसूस करना।
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कोई भी उत्तर नहीं है
कोई भी उत्तर नहीं होने वाला है
कोई भी उत्तर कभी नहीं हुआ है
यही तुम्हारा उत्तर है।
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एक साधारण बेटी के संग यदा-कदा पहचान को बदल देने से बेटे का निर्माण नहीं हो जाता।
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शब्दों का कोई भी क्रम एक आनंद के बजाय क्या हो।
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तुम आकर्षित करते हो वो जो एक प्रेमी के तौर पर तुम्हारी ज़रूरतें हैं।
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पुनरावृत्ति जैसी कोई चीज़ नहीं है, केवल आग्रह हैं।
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अपनी सीमाओं के भीतर के भीतर तुम अतिसाधारण हो, लेकिन तुम्हारी सीमाएँ अतिसाधारण हैं।
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अगर तुम्हें सब मालूम होता तो क्रिएशन नहीं डिक्टेशन होता।
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एक छोटे कलाकार के पास एक महान कलाकार के सभी त्रासिक दुःख और संताप होते हैं और वह महान कलाकार नहीं होता।
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अगर सभी इतने अकर्मण्य नहीं होते तो उन्हें मालूम होता कि सुंदरता सुंदरता ही है, चाहे जब वह चिड़चिड़ी और उत्तेजक हो, केवल तभी नहीं जब वह स्वीकार्य और शास्त्रीय हो।
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साहित्य—रचनात्मक साहित्य—सेक्स से असंबद्ध होकर—अचिंतनीय है।
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गर्टरूड स्टाइन (1874-1946) एक अवाँगार्द अमेरिकी लेखक, विलक्षण कवि, आर्ट कलेक्टर रहीं जिनका पेरिस का घर इतिहास में प्रथम और दूसरे विश्वयुद्ध के बीच कई महान कलाकारों की प्रेरणास्थली बना। स्टाइन की सोच ने उनके समय के कई महान लेखकों और कलाकारों की अंतर्दृष्टि को प्रेरित किया जिनमें एज़रा पाउंड, अर्नेस्ट हेमिंग्वे, पाब्लो पिकासो, एफ़ स्कॉट फ़िट्ज़रग्राल्ड सरीखे नाम शामिल हैं। नाज़ी-शासित फ़्रांस में एक यहूदी स्टाइन ने अपना प्रेम और पार्टनर एलिस बी टोकलस में ढूँढ़ा और मृत्यु तक उनके साथ ही रहीं। टोकलस बीसवीं शताब्दी के पैरिसियन अवाँगार्द की सदस्या भी थीं। यह प्रस्तुति ‘सदानीरा’ के क्वियर अंक में पूर्व-प्रकाशित। प्रत्यूष पुष्कर से परिचय के लिए यहाँ देखें : आप मेरे जैसे हैं