सुनील गंगोपाध्याय की कविताएँ :: बांग्ला से अनुवाद : रोहित प्रसाद पथिक
Posts tagged भारतीय कविता
भ्रम टूटने के दिन खड़े हैं बिल्कुल नुक्कड़ पर
प्रभा गणोरकर की कविताएँ :: मराठी से अनुवाद : सुनीता डागा
मैं बड़ा होने के लिए धरती पर ही रहता हूँ
ध्यान सिंह की कविताएँ :: डोगरी से अनुवाद : कमल जीत चौधरी
पानी के भीतर कितने मुक्तिपथ हैं
शंख घोष की कविताएँ :: बांग्ला से अनुवाद : रोहित प्रसाद पथिक
हमने ख़राब हाली में ऐसे चलन चले अब सब उधर चलेंगे जिधर को हमन चले
ग़ज़लें :: नईम सरमद
बेशर्म होना ही होता है पुरुषों को
श्रीनिवास सिरास की कविताएँ :: मराठी से अनुवाद : सुनीता डागा