अन्हेल गुइंदा की कविता :: अँग्रेज़ी से अनुवाद : बेबी शॉ
Posts tagged विश्व कविता
परछाइयाँ अपनी मालिक ख़ुद होती हैं और रात में कहीं भी जा सकती हैं
लुइज़ ग्लुक की कविताएँ :: अँग्रेज़ी से अनुवाद : किंशुक गुप्ता
मैं शाइर था लेकिन कहानी सुनाने का फ़न जानता था
अली अकबर नातिक़ की नज़्में :: लिप्यंतरण : मुमताज़ इक़बाल
इस देश का विशालकाय मुँह दर्द में भिंचा हुआ है
जयंत महापात्र की कविताएँ :: अनुवाद और प्रस्तुति : शिवम तोमर
हम आजकल सहन नहीं कर पाते दूसरों का मत, क्षमा कीजिए हज़रत
क़ाज़ी नज़रुल इस्लाम की कविताएँ :: बांग्ला से अनुवाद : सुलोचना वर्मा
मैंने आज़माया है हर दंतकथा को एक लबादे की तरह
कजाल अहमद की कविताएँ :: अँग्रेज़ी से अनुवाद : जितेंद्र कुमार त्रिपाठी