ग्वेंडोलिन ब्रूक्स की कविताएँ ::
अनुवाद और प्रस्तुति : कुशाग्र अद्वैत

ग्वेंडोलिन ब्रूक्स (1917-2000) बीसवीं सदी की सबसे प्रभावशाली और सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली अमेरिकी कवियों में से एक हैं। उन्होंने बीस से अधिक पुस्तकें लिखीं। ब्रूक्स अपने जीवनकाल के दौरान ही बहुप्रशंसित और चर्चित हो चुकी थीं। काले लोगों में पुलित्ज़र पुरस्कार जीतने वाली पहली कवि होने का गौरव भी उन्हें ही प्राप्त हुआ। वह कांग्रेस की लाइब्रेरी में बतौर कविता सलाहकार कार्य करने वाली पहली काली महिला थीं। वह बत्तीस वर्षों तक इलिनॉय राज्य की पोएट लॉरेट रहीं। आलोचक जॉर्ज ई. केंट के अनुसार उनके काम ने उन्हें ‘अमेरिकी लेखकों में एक अद्वितीय स्थान दिया। उन्होंने काव्यात्मक तकनीकों में महारत के साथ नस्लीय पहचान और समानता के प्रति एक मज़बूत प्रतिबद्धता को तो जोड़ा ही है, बल्कि 1940 के दशक में अपनी पीढ़ी के अकादमिक कवियों और 1960 के दशक के युवा काले उग्रवादी लेखकों के बीच की खाई को पाटने में भी वह कामयाब रही हैं।

— कुशाग्र अद्वैत

ग्वेंडोलिन ब्रूक्स | तस्वीर सौजन्य : Library of America

मौत चाहते नौ-‘उम्र से वाबस्ता

बैठो। लम्बी साँस खींचो और छोड़ो।

बंदूक़ इंतज़ार कर सकती है। झील इंतज़ार कर सकती है।
उस नन्ही फ़रेबी शीशी में बंद ज़हर इंतज़ार कर सकता है। इंतज़ार कर सकता है, कर सकता है इंतज़ार :
हफ़्ते भर का इंतज़ार : अप्रैल तक का इंतज़ार : तुम्हें इसी नियत दिन नहीं मरना है। मौत यहीं रहेगी, तुम्हारे टाल-मटोल को दुलराएगी। मेरा यक़ीन मानो वो तुम्हारा इंतज़ार करेगी। उसके पास इफ़रात समय है। वह कल भी तुम्हारी ख़ातिर-तवज्जोह में लग जाएगी या फिर अगले हफ़्ते।

मौत इधर ही नीचे गली में रहती है, बेहद शाइस्ता पड़ोसी है; तुम्हारा किसी भी घड़ी उससे सामना हो जाएगा।

तुम्हें आज-अभी मरने की ज़रूरत नहीं है।
यहाँ रुको—घुटन, दर्द और तक़लीफ़ से जूझो।
यहाँ रुको। देखो, कल क्या ख़बर आती है।

क़ब्रों की हरियाली तुम्हारे किसी काम की नहीं है।
मत भूलो, हरा तुम्हारा रंग है। तुम वसंत हो।

स्रोत : getlitanthology.org

अंकल सीग्राम

मेरे अंकल मुझे बहुत चाहते हैं

मैं साढ़े पाँच बरस का हूँ और किंडरगार्टन जाता हूँ
वहाँ सब-कुछ साफ़-सुथरा और अच्छा है

मेरे अंकल छह फ़ीट लम्बे हैं और उनकी ठुड्डी पर सात गुमड़े हैं
मेरे अंकल छह फीट लम्बे हैं और लड़खड़ाते हैं
लड़खड़ाते हैं उन जादुई दवाओं के कारण
जिनसे हर वक़्त उनकी जेबें भरी रहती हैं

घर मतलब माँ, पापा और अंकल
तीन भैया, तीन दीदियाँ और मैं

हर रात हम घर पर चेकर्स और डोमिनोज़ खेलते हैं
अंकल मुझसे सट कर बैठते हैं
उनके पैरों में कोई जूता या मोज़ा नहीं होता
मेज़ के नीचे एक बड़ा-सा अँगूठा
मेरे टखनों को गुदगुदाता है
मोमजामे के नीचे एक जर्जर घुटना
मेरे घुटने को रगड़ता है
मसलता है। मसलता ही जाता है।

जब हम टीवी देखते हैं
मेरे अंकल मुझे उठाकर अपनी गोदी में बिठा लेते हैं
मेरे बैठते ही, बीच में उनका सख़्त-सा कुछ खड़ा हो जाता है
मैं छटपटाता हूँ, लेकिन वह मुझे बिठाए रखते हैं, और मेरा कान चूमने लगते हैं

मैं तो लड़की भी नहीं हूँ

एक बार मैं बाथरूम गया था
मेरे अंकल ने देख लिया,
अंदर चले आए, और दरवाज़ा बंद कर दिया
फिर अपनी लम्बी सफ़ेद जीभ
मेरे कान में लगाते हुए फुसफुसाए,
‘‘हम बेस्ट फ़्रेंड्स हैं और एक परिवार हैं
और हम राज़ रखना बख़ूबी जानते हैं।’’

मेरे अंकल मुझे बहुत चाहते हैं। मैं परेशान हूँ।

कि अब मैं उन्हें बिल्कुल नहीं चाहता।

स्रोत : poetlaureate.illinois.gov


कुशाग्र अद्वैत से परिचय के लिए यहाँ देखिए : कुशाग्र अद्वैत

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