कविताएँ :: संदीप रावत
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इन पगडंडियों का अकेलापन सभ्यताओं का अकेलापन है
कविताएँ :: पूजा जिनागल
अपभ्रंश का क़बीला—एक असमाप्त कविता
कविता :: अजंता देव
‘बाबुल की दुआएँ लेती जा…’ जैसे गीत बेटियों को मूर्ख बनाने के लिए लिखे गए
कविताएँ :: यशस्वी पाठक
घर कभी नहीं चाहता उन लोगों पर गिरना जो उसमें रहते हों
कविताएँ :: शहबाज़ रिज़वी
नहीं भी सही जगह इस्तेमाल हो तो बच जाती हैं घटित होने से कई त्रासदियाँ
कविताएँ :: शचीन्द्र आर्य