Posts tagged गद्य

नदी के किनारे दो बार रोने का कोई फ़ायदा नहीं, पहली लहर उसे पैदा करती है, दूसरी लहर उसे मिटा देती है

ग़ज़ा से कुछ कविताएँ और पत्र :: अँग्रेज़ी से अनुवाद : जोशना बैनर्जी आडवानी