कविताएं :: अंकिता आनंद
Posts tagged स्त्री विमर्श
नुक़्ता ब नुक़्ता
ग़ज़ल :: कुर्रतुल-ऐन-ताहिरा अनुवाद और प्रस्तुति : सदफ़ नाज़
कविता विस्तार है और वह घाव छोड़ जाती है
आलेहांद्रा पिज़ारनीक की कविताएं :: अनुवाद : रीनू तलवाड़
निहारे जाने का मतलब है उपभोग किया जाना
मार्गरेट एटवुड के उपन्यास ‘द हैंडमेड्स टेल’ का एक अंश :: अनुवाद और प्रस्तुति : यादवेंद्र
सिर्फ उन्हीं को जलाना जो सूखे हैं और सड़ चुके हैं
कविताएं :: नेहा नरूका
स्मृति में शेष
गद्य :: बेजी जैसन