कवितावार में होर्हे लुई बोर्हेस की कविता ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : आग्नेय

होर्हे लुई बोर्हेस │ तस्वीर सौजन्य : द पेरिस रिव्यू

आत्महत्या

रात के लिए
एक भी तारा नहीं छोड़ा जाएगा
रात को भी नहीं छोड़ा जाएगा
मैं मर जाऊँगा और मेरे साथ
असह्य ब्रह्मांड का भार भी
मैं मिटा दूँगा पिरामिड को
फ़लकों को
महाद्वीपों को
और मुखाकृतियों को
मैं मिटा दूँगा सारे संचित अतीत को
मैं इतिहास की धूल को
धूल की धूल बना दूँगा
अब मैं अंतिम सूर्यास्त को देख रहा हूँ
मैं अंतिम पक्षी को सुन रहा हूँ
मैं यह शून्यता किसी को
वसीयत में नहीं दूँगा

होर्हे लुई बोर्हेस (1899-1986) संसारप्रसिद्ध स्पैनिश लेखक हैं। उनकी यहाँ प्रस्तुत कविता अँग्रेज़ी से हिंदी अनुवाद के लिए Los Angeles Times से चुनी गई है। आग्नेय हिंदी के समादृत कवि-लेखक-अनुवादक और ‘सदानीरा’ के प्रधान संपादक हैं। ‘सदानीरा’ पर प्रकाशित बोर्हेस के कुछ उद्धरण यहाँ पढ़ें : मेरी देह को भय होगा, मुझे नहीं

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