कवितावार में मिशियो माडो की कविता ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : उदयन वाजपेयी
सेब
मेरे
सेब यहाँ
रखते ही
सेब
और उसकी राशि
अपने आप
सब कुछ घेर लेते हैं
यहाँ
एक सेब है
और कुछ नहीं
ओह!
जो है और
जो नहीं है
कितनी सफ़ाई से
साथ आ गए हैं
मिशियो माडो (1909-2014) समादृत जापानी कवि हैं। यहाँ प्रस्तुत उनकी कविता ‘रज़ा पुस्तक माला’ के अंतर्गत संभावना प्रकाशन से प्रकाशित ‘सूखी नदी पर ख़ाली नाव’ (विश्व कविता पर एकाग्र पत्रिका ‘तनाव’ में प्रकाशित काव्यानुवादों का तीसरा खंड, संपादक : वंशी माहेश्वरी, प्रथम संस्करण : 2020) से साभार है। मिशियो माडो की और कविताओं तथा उदयन वाजपेयी से परिचय के लिए यहाँ देखें : कई बार मैं चकित हो जाता हूँ कि