कविता :: ज़ुबैर सैफ़ी
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संजीदा नज़र आना कितना ज़रूरी है अपनी ज़ात के फक्कड़पन और ना-हमदर्दी को ज़िंदा रखने के लिए
ख़ालिद जावेद की नज़्में :: उर्दू से लिप्यंतरण : मुमताज़ इक़बाल
दुनिया के संविधान में अनागरिकों की एक लिखित नियमावली होनी चाहिए
कविताएँ :: जावेद आलम ख़ान
तुम्हारे जीवन का एकमात्र मक़सद है—केवल एक संभावना बनना
गद्य कविताएँ :: किंशुक गुप्ता
अवध में अ
कविताएँ :: अरुण आदित्य
क़ैद की इच्छा करो और तुम क़ैद हो जाओगे
केकी एन. दारूवाला की कविताएँ :: अनुवाद और प्रस्तुति : शिवम तोमर