डनएला टूसी-वाटसन की कविता ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सरिता शर्मा

डनएला टूसी-वाटसन │ तस्वीर सौजन्य : THE PARIS REVIEW

लघु चमत्कारों की एक शृंखला
रॉस गे और ग्वेन्डोलिन ब्रुक्स के अनुसरण में

आज सुबह
मैंने घर से बाहर क़दम रखा और ठिठुरन ने
मेरे माथे को चूमा, लेकिन केवल तब जब मैंने अनुमति दी
और बाद में मुझे स्पर्श ठीक लगा था
और जब मैं अपने घर में लौटी, तो मैं चले जाने
के लिए राज़ी थी। लेकिन हम अभी तक वहाँ नहीं हैं।
मेरी पड़ोसन अपनी पालतू कुतिया के साथ घूमती हुई रुकी,
कि मैं उसे दुलारूँ और ऐसा करने पर
मुझे धन्यवाद दिया। और सुनो, अब मैं तुम्हें बताती हूँ :
आज, मेरा कमरा गर्म है।
मैं अपने बिस्तर पर बैठती हूँ। मैं अपने शॉर्ट्स को ऊपर उठाती हूँ।
मैं अपनी जाँघ और पेट के निचले हिस्से के बीच
सिकुड़न को देखती हूँ,
उस लघु घाटी के बीच अपनी उँगली फिराती हूँ
और मैं कहती हूँ कि यह अच्छी है। मैं अपनी जाँघ को,
उसकी मुलामियत को देखती हूँ,
उसकी मांसलता को दबाती हूँ। इस पर एक बार ख़ूब ज़ोर से
धौल मारती हूँ। सुनो : इस कविता में, पुरुष नहीं हैं।
मैं अपने आपको ख़ुद को समर्पित करती हूँ और फिर से ऐसा करती हूँ।
मैं स्वयं को सहलाती हूँ
और मैं आभारी हूँ—यहाँ कोई नहीं है,
यह बताने के लिए कि देने के लिए पर्याप्त नहीं है।
मैं एक रिकॉर्ड बजाती हूँ और मेरा मन इसे सुनने के लिए साफ़ है।
आज, मैं देर दुपहर तक बिस्तर पर पड़ी रहती हूँ
और यह मेरा चयन है।
मैं साँस लेती हूँ और साँस लेना सरल है। मैं साँस छोड़ती हूँ—
आम का बाग़ मेरे कमरे को भर देता है। मैं शाखाओं के पालने में घिसटती हूँ।
मैं अपना सिर आमों के गुच्छे पर टिका देती हूँ। कल, मैंने
किसी को पुकारते हुए सुना दुःख और मैंने मुड़कर नहीं देखा।

डनएला टूसी-वाटसन अमेरिकी कवयित्री, विजुअल आर्टिस्ट और शिक्षिका हैं। उनकी यहाँ प्रस्तुत कविता अँग्रेज़ी से हिंदी अनुवाद करने लिए theparisreview.org से ली गई है। सरिता शर्मा से परिचय के लिए यहाँ देखें : यह सुनने का एक तरीक़ा है

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