जेन हर्शफ़ील्ड की कविताएँ ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : आदर्श भूषण

जेन हर्शफ़ील्ड │ तस्वीर सौजन्य : paw

वादा

रुक जाओ, मैंने कहा
टूटे हुए फूलों से
उन्होंने अपने सिर नीचे झुका लिए

रुक जाओ, मैंने कहा
मकड़ी से
जो भाग गई

रुक जाओ, पत्ते से कहा
वह सूखकर लाल हो गया
ख़ुद पर और मुझ पर शर्मिंदगी जताते हुए

रुक जाओ, मैंने कहा मेरी देह से
वह बैठ गई
जैसे एक कुत्ता बैठता है
एक क्षण के लिए पूर्णतः आज्ञाकारी
अगले ही क्षण तुरंत अकबकाहट से भरता हुआ

रुक जाओ, धरती से कहा
नदियों की घाटियों में उगे हरे घास के मैदानों की धरती
जीवाश्म से बनी ढलानों की
चूना पत्थर और बलुआ पत्थर की धरती से
उसने बस पलटकर देखा
बदलती हुई मुखाकृति से, चुपचाप

रुक जाओ, मैंने जब-जब कहा अपने प्रेमियों से
सबने कहा—
“हमेशा”

पेड़

यह मूर्खता ही है कि
एक वयस्क रेडवुड को
घर के ठीक बग़ल में और बढ़ने दिया जाए

यद्यपि इस एकमात्र जीवन में
तुम्हें चुनाव तो करना ही पड़ेगा

वह विशाल उदार शांत प्राणी,
यह सूप की कटोरियों की खड़खड़ाहट और किताबें—

हालाँकि जब डाल की पहली फुनगी
खिड़कियों को बुहारती है
मृदुता के साथ, बिल्कुल शांति से,
ऐसा लगता है
मानो विशालता तुम्हारी पीठ थपथपा रही हो।

निर्णय

एक क्षण होता है
किसी आकृति के जमकर ठोस रूप लेने से पहले,
किसी रंग के चढ़ने से पहले
किसी कील के ठुकने या तपने से पहले
कोई चिट्ठी अभी भी लेटर बॉक्स से बाहर निकाली जा सकती है
कोई हाथ कुहनी से पकड़कर पीछे खींचा जा सकता है,
कोई शब्द गले की नाड़ी और
कमरे की हवा में बढ़ती
तेज आवाज़ के बीच ही बचा लिया जा सकता है
एक चींटे की छाती इतनी भी तंग नहीं होती
जितनी ज़्यादा ताम्बे के ऊपर हरी ज़ंग चढ़ आती है
फिर भी कुछ न कुछ उससे बचकर निकल ही जाता है—
आस-पास नज़र घुमाता है,
एक नई दिशा तय करता है, दूसरे देश की ओर
किसी देशनिकाले में नहीं, किसी आशा में भी नहीं
बस कुछ पूरी तरह बदला हुआ-सा
जैसे एक रेत से लदे ट्रक का रास्ता अचानक बदल गया हो
उसे सिल्क रोड कहते ही;
जहाँ से वापस नहीं लौटा जा सकता।

साज़

ओ बेचारी आत्मा,
तुम और मैं

किसी याद की याद की
याद बनकर रह जाएँगे बस

लगाम की जकड़ से आज़ाद हुआ घोड़ा
ताँगे का वज़न भूल जाता है।

जेन हर्शफ़ील्ड (जन्म : 1953) सुपरिचित अमेरिकी कवयित्री, निबंधकार और अनुवादक हैं। उनकी कविताओं की नौ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। यहाँ प्रस्तुत कविताएँ अँग्रेज़ी से हिंदी अनुवाद के लिए poetryfoundation.org से चुनी गई हैं। आदर्श भूषण हिंदी की नई पीढ़ी से संबद्ध कवि-अनुवादक हैं। उनसे adarsh.bhushan1411@gmail.com पर बात की जा सकती है।

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