नाओमी शिहाब नाइ की कविताएँ ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : पल्लवी व्यास
अटारी और उसकी कीलें
मुश्किल है वहाँ। तुम खँगाल रहे हो एक बक्सा उसके लिए जो इस पल की ज़रूरत है : जो कि हो सकता है स्वेटर, फूलों की माला या फिर वॉकी-टॉकी का दूसरा हिस्सा, और मिलती हैं तुम्हें भूली-बिसरी छत्तीस दूसरी चीज़ें जो विलंब कर रही हैं मूल खोज में, अब जबकि तुम्हें ये सब मिल गया है तो तुम्हें उनके बारे में सोचना ही है। क्या मुझे यह रखना चाहिए, ले जाऊँ इसे घर के निचले हिस्से में? यक़ीनन जीवन बहुत बदल गया है—उस जीवन से जब ये सब समेटा गया था इस अटारी में। हो सकता है कि तुम्हारे जीवन में अलग तरह के कमरे आ गए हों, यह भी हो सकता हैं कि यहाँ अब भीड़ थोड़ी ज़्यादा हो। हो सकता है कि तुम सफ़ेद चमक वाले पुराने मिट्टी के प्याले को जिसे कभी कॉलेज के दिनों में तुमने बनाया था उसे देखकर सोचो कि यह तुम्हारी सुबहों को ख़ुशनुमा बना सकता है। तुम्हारी तलाश में एक चूहे जैसी तत्परता आ जाती है, जब तुम काग़ज़ को बक्सों में से चीरते हुए उन्हें काट-छाँटकर लगा देते हो कतरनों का पहाड़। शायद अब तुम इतनी जल्दबाज़ी से उठ खड़े हुए हो कि दे मारा है अपना सिर उन कीलों में से किसी एक कील पर जो सँभाले रखती है छत। यह खड़ी है—पंक्तियों में छत के साथ-साथ, झाँकती हुई-सी—नुकीली। अब सोचना होगा तुम्हें टिटनस, ज़ंग लगी कीलें और दिली इंसानी खोपड़ी के बारे में। इस कुछ देर की धुँधलाहट में, बहुत भरा हुआ है तुम्हारा मन, यह याद रखने के लिए कि वह क्या था जिसकी तलाश में चले आए थे तुम ऊपर इस अँधेरे में।
‘रेड सूटकेस’ से
लाल ज़री
अरबी लोगों में कहावत थी कि
जब कोई अजनबी दस्तक दे तुम्हारे दरवाज़े पर,
तो उसे तीन दिनों तक खिलाओ-पिलाओ…
यह पूछने से पहले कि वह कौन है,
कहाँ से आया है,
कहाँ को जाएगा।
इस तरह, उसके पास होगी पर्याप्त ताक़त
जवाब देने के लिए।
या फिर, तब तक तुम बन जाओगे
इतने अच्छे मित्र
कि तुम परवाह नहीं करोगे।
चलो फिर लौट जाएँ वहीं।
चावल? चिलगोज़े?
यहाँ, लो यह लाल ज़री वाला तकिया।
मेरा बच्चा पानी पिला देगा
तुम्हारे घोड़े को।
नहीं, मैं व्यस्त नहीं था जब तुम आए!
मैं व्यस्त होने की तैयारी में भी नहीं था।
यही आडंबर ओढ़ लेते हैं सब
यह दिखाने के लिए उनका कोई उद्देश्य है
इस दुनिया में।
मैं ठुकराता हूँ सभी दावे।
तुम्हारी थाली प्रतीक्षारत है।
चलो हम ताज़ा पुदीना घोलते हैं
तुम्हारी चाय में।
‘वैराइटीज़ ऑफ़ ग़ज़ाले : पोएम्ज़ ऑफ़ द मिडिल ईस्ट’ से
सवार
एक लड़के ने मुझसे कहा
कि अगर वह काफ़ी तेज़ी से रोलर स्केटिंग करें
तो उसका अकेलापन उसे पकड़ नहीं पाएगा,
यह मेरा अब तक का सुना बेहतरीन तर्क है—
चैम्पियन बनने की कोशिश के लिए।
आज रात मुझे जो आश्चर्य है
किंग विलियम स्ट्रीट की तरफ़ तेज़ी से पैडल मारते हुए
कि क्या यही बात साइकिलों पर भी लागू होती है।
एक जीत! तुम्हारे अकेलेपन को छोड़ देने की
हाँफते हुए तुम्हारे पीछे गली के किसी कोने में
जबकि तुम आज़ाद तैर रहे हो अचानक से बने
अज़ेलिया के एक बादल में,
इन गुलाबी पँखुड़ियों ने कभी अकेलापन महसूस नहीं किया,
चाहें कितना ही धीमे-धीमे वे क्यूँ न गिरी हों।
‘फ़्यूल’ से
नाओमी शिहाब नाइ (जन्म : 1952) सुप्रसिद्ध अमेरिकी कवयित्री हैं। उनके पिता एक फ़िलिस्तीनी शरणार्थी थे और उनकी माँ जर्मन और स्विस मूल की अमेरिकी थीं। नाओमी के सांस्कृतिक अंतर और विभिन्न संस्कृतियों के अनुभव ने उनके काम को बहुत प्रभावित किया। उन्हें अमेरिकन साउथवेस्ट की अग्रणी स्त्री कवियों में से एक माना जाता है। फ़िलहाल वह सैन एंटोनियो, टेक्सास में रहती है। पल्लवी व्यास का यह अनुवाद-कार्य विश्व कविता के अनुवाद का उनका पहला प्रयत्न है। उनसे pvyasbio@gmail.com पर बात की जा सकती है। यह प्रस्तुति ‘सदानीरा’ के 23वें अंक में पूर्व-प्रकाशित।
बहुत सुंदर प्रयास ! ‘ सदानीरा ‘ ! सदाबहार ! हिंदी !👌💐💐