एलियास कैनेटी के कुछ उद्धरण ::
अँग्रेज़ी से अनुवाद : राहुल तोमर
![german author elias cantti](https://sadaneera.com/wp-content/uploads/Elias-Canetti-296x300.jpg)
वे तमाम चीज़ें जिन्हें हम भूल जाते हैं, सपनों में मदद के लिए चिल्लाती हैं।
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मनुष्य किसी भी चीज़ से उतना नहीं डरता जितना कि अज्ञात के स्पर्श से।
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सीखना, अनदेखा करने की कला है।
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लोगों का भविष्य उनके नामों की वजह से आसान हो जाता है।
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इसमें कोई शक नहीं कि मनुष्य के अध्ययन की अभी शुरुआत भर हुई है, साथ ही उसका अंत नज़र आने लगा है।
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सफलता वह जगह है जो एक व्यक्ति अख़बार में घेरता है।
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सफलता एक दिन की निर्लज्जता है।
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हर निर्णय मुक्ति प्रदान करता है, तब भी जब वह विनाश की ओर ले जाए। अन्यथा, क्यों इतने सारे लोग आँखें खोलकर सीधा चलते हुए अपने दुर्भाग्य में दाख़िल होते?
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कुछ मत समझाओ। उसे वहाँ रखो। बोलो। जाओ।
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सुंदरता में हमेशा कुछ सुदूर होता है।
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दूसरों के साथ सामंजस्य बिठाने का पहला असर यह होता है कि हम उबाऊ बन जाते हैं।
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इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि कोई विचार कितना नया है : फ़र्क़ इस बात से पड़ता है कि वह कितना नया बन पाता है।
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वे शासक जो युद्ध छेड़ना चाहते हैं, वे इस बात से भली-भाँति परिचित हैं कि उन्हें पहला पीड़ित जुटाना या गढ़ना होगा।
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एलियास कैनेटी (25 जुलाई 1905-14 अगस्त 1994) जर्मन भाषा के प्रख्यात साहित्यकार हैं। यहाँ प्रस्तुत उद्धरण हिंदी अनुवाद के लिए azquotes.com और इंटरनेट पर उपलब्ध एलियास कैनेटी के लेखन से चुने गए हैं। राहुल तोमर हिंदी कवि-अनुवादक हैं। वह इंदौर में रहते हैं। उनसे tomar.ihm@gmail.com पर बात की जा सकती है। इस प्रस्तुति से पूर्व वह ‘सदानीरा’ के लिए अदूनिस और दुन्या मिखाइल की कुछ कविताओं और यासुनारी कावाबाता की एक कहानी का अनुवाद कर चुके हैं। ‘सदानीरा’ पर उपलब्ध कुछ और संसारप्रसिद्ध साहित्यकारों-विचारकों के उद्धरण यहाँ पढ़ें :
वी. एस. नायपॉल │ हुआन रामोन हिमेनेज़ │ एरिक फ्राम │ हरमन हेस │ ई. ई. कमिंग्स │ नोम चोम्स्की │ फ़्रांत्स काफ़्का